सचिन तेंडुलकर के अंतिम टेस्ट से संबंधित समाचार और संपादकीय, आम जनता के बीच चर्चा एवं अंतत: भावनाओं का संप्रेषण हर जगह छाये रहे. सचिन को एक खिलाड़ी से अधिक, भगवान के समतुल्य दर्जा दे दिया गया. पर शायद ही कोई इस सवाल का जवाब दे पाये कि सचिन ने 24 साल तक क्रिकेट खेलकर देश के लिए आखिर क्या कर दिया कि हम उन्हें हद से ज्यादा महत्व देने लगे.
अब तक निश्चित ही उन्होंने क्रिकेट से अत्यधिक सम्मान और धन प्राप्त किया है. लेकिन देश को उन्होंने क्या दिया? इसके विपरीत देश को उनसे और उनके क्रिकेट से नुकसान ही हुआ है. क्रिकेट में अत्यधिक समय नष्ट होने के कारण अमेरिका और अन्य देश इसे महत्व नहीं देते. एक लिहाज से देखें, तो सचिन के खेल ने कई छात्रों की पढ़ाई बरबाद करायी व कार्यालयों की कार्यक्षमता घटायी.
रवि कुमार, टुंगरी, चाईबासा