प्रभात खबर के जरिये मैं इस पत्र के द्वारा टीइटी परीक्षा की अपनी जैसी महिला अभ्यर्थियों की पीड़ा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, महामहिम राज्यपाल और संबंधित उच्चधिकारियों के समक्ष रखना चाहती हूं. आज अमूमन हर राज्य में, हर स्तर पर महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की बात की जा रही है. केंद्र में टीइटी की परीक्षा में महिलाओं की अलग श्रेणी तैयार की जाती है.
ऐसे में हमारे राज्य झारखंड में महिलाओं के साथ ऐसा अन्याय क्यों? क्या सामान्य वर्ग की महिला अभ्यर्थियों को परीक्षा की तैयारी में जद्दोजहद नहीं उठानी पड़ती? एक महिला को शिक्षित होने में शुरू से लेकर अंत तक कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, हर कदम पर कितने समझौते करने पड़ते हैं, इसे हर कोई समझ सकता है.
हम में से हर कोई यह भी जानता है कि सफल महिला ही एक सफल समाज की रीढ़ हो सकती है, तो फिर उन्हें प्रोत्साहन क्यों नहीं मिलना चाहिए? अत: मेरा अनुरोध है कि इस परीक्षा के परिणाम प्रकाशन पर पुनर्विचार हो और हम महिलाओं के हौसले को सहयोग मिले.
रंजु शर्मा रांची