एक कवि से राजनेता और तीन बार देश के प्रधानमंत्री बनने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को भारत रत्न देना देश के लिए गर्व की बात है. भारतीय राजनीति में अटल जी की बेदाग छवि रही है. इनका सम्मान देश के सभी राजनीतिक दल के लोग करते हैं.
अटल जी उस दौर के राजनेता रहे हैं, जब राजनीति में शुचिता व्याप्त थी. अटल जी राजनीतिज्ञों के लिए प्रेरणा-स्नेत तो हैं ही, साथ ही वे देश के युवाओं के लिए भी प्रेरणादायी हैं. उनके मार्गो का अनुसरण करके न केवल देश को नयी दिशा दी जा सकती है, बल्कि देश का नया भविष्य भी निर्धारित किया जा सकता है.
अटल जी ने विषम परिस्थितियों में भी परमाणु परीक्षण कर न केवल भारत की शक्ति का प्रदर्शन किया, बल्कि दुनिया के सामने उन्होंने देश का लोहा भी मनवाया. उनके शासनकाल में देशहित में चाहे कठोर फैसले लेने हों या फिर किसी योजना की शुरुआत करनी हो, किसी भी काम को पूरा करने में उनका पूरा योगदान रहा है. कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को नाकों चने चबवाने के साथ ही उन्होंने भारत को परमाणु संपन्न राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाई है.
देश की जजर्र सड़कों से आहत अटल जी ने स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरुआत की. आज अगर भारत की बड़ी से बड़ी या फिर छोटी सड़कों से आवागमन सुलभ हुआ है, तो इसमें उनका योगदान अधिक है. देश के विकास में उनका अहम योगदान को अविस्मरणीय है ही, साथ ही विदेश नीति में भी वे पूरी तरह निपुण हैं. वे अच्छे वक्ता और कवि हृदय व्यक्ति हैं. आज यदि मोदी सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया है, तो वे उसके असली हकदार थे.
नीतेश त्रिपाठी, गोपालगंज