‘सबका साथ, सबका विकास’- यह नरेंद्र मोदी का वह नारा है, जिसके आधार पर भाजपा ने सत्ता प्राप्त की और जिसने पड़ोसी राष्ट्रों को ही नहीं, अपितु मोदी को वीजा न देनेवाले अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी भारत का मुरीद बना दिया.
ओबामा की ओर से मोदी को अमेरिका आने एवं सीनेट को संबोधित करने का निमंत्रण भेजा गया है. परंतु मोदी के विकास का एजेंडा लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करनेवाले राजनीतिक दलों के कुछ नेताओं को रास नहीं आ रहा. ऐसे नेताओं के पास मोदी विरोध का कोई ठोस मुद्दा नहीं इसलिए ये अमन-चैन के दुश्मन बन कर देश में अशांति और अस्थिरता फैला रहे हैं.
आज हमारे देश में ही नहीं, बल्किसंपूर्ण विश्व में विकास बनाम विनाश के मध्य प्रतिद्वंद्विता आरंभ हो चुकी है. अत: शांति व विकास के पक्षधर देश व जनता को निष्क्रि यता त्याग कर एकजुट होना होगा.
रमेश सिंह, बड़वाटोली