मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली वाली प्रोत्साहन राशि योजना में काफी तब्दीली करने की जरूरत है. साइकिल की व्यवस्था सैद्धांतिक तौर पर इसलिए की जाती है, ताकि बच्चे मैट्रिक तक आसानी से शिक्षा हासिल कर सकें.
लेकिन, व्यावहारिक रूप में होता यह है कि साइकिल मिलते-मिलते बच्चा नवम क्लास पास कर जाता है, जिससे व्यावहारिक रूप में अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है.
इसलिए होना तो यह चाहिए कि जब बच्चे अष्टम क्लास से उत्तीर्ण हों, उसी समय साइकिल योजना की राशि बच्चों को मुहैया करा दी जाये. इससे छात्र-छात्राओं को लाभ होगा. उनकी पढ़ाई छूटेगी नहीं और सरकारी व्यवस्था पर भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि सरकार तो राशि देती ही है.
मिथिलेश कुमार, बलुआचक (भागलपुर)