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नवोदय विद्यालय पर ध्यान दें
जवाहर नवोदय विद्यालय भारत के प्रतिष्ठित स्कूलों में शामिल है. इसका मुख्य उद्देश्य है यह कि गरीब व ग्रामीण बच्चों को उच्च कोटि की आधुनिक शिक्षा दी जाये. यहां प्रवेश पाने के लिए बहुत ही कम उम्र में बच्चों को कठिन परीक्षा देनी होती है. नवोदय विद्यालयों में अब भी भारत की गुरुकुल पद्धति व […]
जवाहर नवोदय विद्यालय भारत के प्रतिष्ठित स्कूलों में शामिल है. इसका मुख्य उद्देश्य है यह कि गरीब व ग्रामीण बच्चों को उच्च कोटि की आधुनिक शिक्षा दी जाये. यहां प्रवेश पाने के लिए बहुत ही कम उम्र में बच्चों को कठिन परीक्षा देनी होती है. नवोदय विद्यालयों में अब भी भारत की गुरुकुल पद्धति व गुरु-शिष्य परंपरा की झलक देखी जा सकती है.
अनुशासन ही यहां का मूल मंत्र है. एक सरकारी स्कूल होने बावजूद, यहां महंगे निजी स्कूलों से बहुत ज्यादा सुविधा दी जाती है, लेकिन आये दिन रैगिंग की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिनमें वजह से बच्चों को शारीरिक व मानसिक यातनाएं झेलनी पड़ रही हैं. खाने की गुणवत्ता में भी कमी आयी है. चूंकि यह केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत आता है, तो इसमें राज्य सरकार की भूमिका न के बराबर है. अतः पूरी जिम्मेदारी जिले के उपायुक्तों पर है. डीसी को संज्ञान लेकर प्रशासनिक कार्रवाई करनी चाहिए.
दीपक कुमार दास, चंदनक्यारी
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