12.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सरकार पर संशय संकट में राज्य

लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद झारखंड सरकार के भविष्य को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. तृणमूल कांग्रेस ने सरकार पर 22 मई को फैसला लेने की बात कही है. उसके समर्थन वापस लेने पर सरकार अल्पमत में आ जायेगी. सरकार बचाने और गिराने के खेल से अलग राज्य के सामने खड़े संकट की […]

लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद झारखंड सरकार के भविष्य को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. तृणमूल कांग्रेस ने सरकार पर 22 मई को फैसला लेने की बात कही है. उसके समर्थन वापस लेने पर सरकार अल्पमत में आ जायेगी. सरकार बचाने और गिराने के खेल से अलग राज्य के सामने खड़े संकट की चिंता किसी दल को नहीं है. दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने राज्य बिजली बोर्ड को बिजली आपूर्ति में कटौती की चेतावनी दी है.

क्योंकि झारखंड पर डीवीसी का 7,000 करोड़ रुपये का बकाया है और 160 करोड़ रुपये के मासिक बिल का समय से भुगतान नहीं हो रहा है. यदि ऐसा हुआ, तो गरमी के इस मौसम में त्रहिमाम् की स्थिति होगी. राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए निर्धारित 16,800 करोड़ रुपये का योजना आकार घटा कर 13,795 करोड़ रुपये करना पड़ा है. वजह है केंद्र सरकार से केंद्रीय व केंद्र प्रायोजित योजनाओं में कम राशि मिलना. राज्य गठन के बाद योजना आकार कम किये जाने की यह दूसरी घटना है.

केंद्र से पैसा नहीं मिलने की वजह से पहली बार वित्तीय वर्ष 2012-13 में सरकार को 16,300 करोड़ रुपये का तय योजना आकार घटा कर 13,774 करोड़ रुपये करना पड़ा था. दुर्भाग्य यह कि ऐसी स्थिति तब उत्पन्न हुई है, जब सूबे की सरकार केंद्र की निर्वतमान यूपीए गंठबंधन की सरकार के सहयोग से गठित हुई व चलती रही है. सूबे में एक ओर विभिन्न विभागों के कार्य प्रमंडलों के इंजीनियरों के पास 30.70 करोड़ रुपये पड़े हुए हैं, तो दूसरी ओर 298 वर्क्‍स डिवीजन में से 28 फीसदी के पास काम नहीं है. महालेखाकार की रिपोर्ट है कि सरकार ने नियम विरुद्ध 36 वर्क्‍स डिवीजनों का गठन कर लिया है.

राज्य में एक माह बाद, जुलाई से खाद्य सुरक्षा कानून लागू होना है. इसके तहत करीब 2.64 करोड़ लोगों को सस्ती दरों पर अनाज दिया जाना है. इसके लिए न तो पर्याप्त मात्र में अनाज है और न ही भंडारण के लिए गोदाम. कोयला और लौह अयस्क की तस्करी से लेकर सरकार की ओर से उपलब्ध खाद्य पदार्थो व केरोसिन तक की कालाबाजारी जारी है. सूबे के इन संकटों से इतर सभी राजनीति दल सत्ता के लिए जोड़-तोड़ में व्यस्त व मस्त हैं. इसका ध्यान किसी को नहीं कि राज्य बचेगा, तभी राजनीति बचेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें