नियुक्ति में भेदभाव क्यों
11 गैर अनुसूचित जिले के अभ्यर्थियों के दर्द उजागर करते हुए मुख्यमंत्री को सूचित करना चाहता हूं कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करें. उच्च विद्यालयों में 18000 सीटों पर नियुक्ति होनी है और सरकार ने झारखंड को दो भाग में बांट दिया है. इसमें 11 जिलों में पूरे भारत के अभ्यर्थी आवेदन […]
11 गैर अनुसूचित जिले के अभ्यर्थियों के दर्द उजागर करते हुए मुख्यमंत्री को सूचित करना चाहता हूं कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करें. उच्च विद्यालयों में 18000 सीटों पर नियुक्ति होनी है और सरकार ने झारखंड को दो भाग में बांट दिया है.
इसमें 11 जिलों में पूरे भारत के अभ्यर्थी आवेदन कर सकते है और इस कारण से यहां के मूल निवासी खुद को बाहरी महसूस कर रहे हैं. ऐसे में यहां के नौजवान अपना मानसिक संतुलन खो रहे हैं. बाहरी को 5% में ही सीमित रखें. उच्च विद्यालय की नियुक्ति में इसे सख्ती के साथ लागू किया जाये और जेएसएससी को साफ-सुथरा काम करने का निर्देश दिया जाये.
रविकांत वर्मा, इमेल से
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