नयी दिल्ली: इंटर्नशिप आपकी करियर लाइफ को संवारने का एक सुनहरा मौका है. इस दौरान आप जो कुछ सीखते हैं, वह आपकी प्रोफेशन लाइफ में बहुत काम आता है. इससे आपको वर्कप्लेस के तौर-तरीकों और शिष्टाचार सीखने का मौका मिलता है. अगर आपने सफलतापूर्वक ऐसा कर लिया, तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता. यहीं से आपके करियर की राह निकलती है. आप अगर बेहतर इंटर्न के तौर पर अपनी छाप छोड़ते हैं, तो इस बात की संभावना काफी बढ़ जाती है कि आपको स्थायी नौकरी भी मिल जाये.
इंटर्नशिप कई प्रकार की होती है. यह एकेडमिक सेमेस्टर के आधार पर या समर अथवा विंटर ब्रेक के आधार पर भी हो सकती है. इसे आप सेमेस्टर, क्वार्टरली, समर, स्प्रिंग या विंटर इंटर्नशिप कह सकते हैं. विभिन्न प्रकार की इंडस्ट्री में इंटर्नशिप होती है जैसे-मार्केटिंग इंटर्नशिप, फाइनेंस इंटर्नशिप, फाइन आर्ट इंटर्नशिप, पीआर इंटर्नशिप या टेक्नोलॉजी इंटर्नशिप. पेमेंट के आधार पर भी यह दो तरह पेड या नॉनपेमेंट इंटर्नशिप हो सकती हैं. इंटर्नशिप ऑन लोकेशन या वर्चुअल इंटर्नशिप भी होती है. जिसे आप अपनी सुविधा के मुताबिक चुन सकते हैं.
कैसे अप्लाई करें- जैसे हम जॉब सर्च करते हैं वैसे ही इंटर्नशिप के मौके भी तलाश सकते हैं. मॉन्स्टर, करियर बिल्डर, ग्लासडोर जैसी साइट्स में इंटर्न टाइप करके फाइनेंस, मेडिसिन, सेल्स में अपने विकल्प खोज सकते हैं. यहां आपको अपनी ज्यॉग्राफिक लोकेशन के मुताबिक इंटर्नशिप सर्च करने का भी विकल्प मिलेगा.
कुछ साइट्स तो इंटर्नशिप या एंट्री लेवल जॉब खोजने वालों के लिए ही हैं, जैसे- इंटर्नशिप डॉट कॉम, लुकशार्प, इंटर्नमैच, यूटर्न आदि. करियर फेयर्स या कैंपस में भी आप यह मौका पा सकते हैं. कई बार टीचर्स भी इंटर्नशिप खोजने में मददगार हो सकते हैं. हां, एक बात का ध्यान रखें कि इंटर्नशिप के लिए भी आपको जॉब की तरह एक अच्छा रिज्यूमे तैयार करना पड़ेगा.
संस्थान की जानकारी जरूरी- संस्थान को ज्वॉइन करने से पहले मैनेजर से मिलें और संस्थान के बारे में जानकारी हासिल करें. ज्वॉइनिंग पर खुद का परिचय दें. लोगों का अभिवादन करें और जिन चीजों के बारे में आपको पता नहीं है, उनके बारे में जानकारी इकट्ठा करें. कंपनी में हर जरूरी जगह पर उपस्थिति दर्ज करायें.
उत्साहित होकर काम मांगें- काम के प्रति उत्साह दिखायें और आगे बढ़कर काम मांगने की आदत डालें. इस बात की कोशिश करें कि कंपनी में आपके पास कोई न कोई काम हमेशा रहे. इन सब बातों से आप बॉस की नजरों में बने रहेंगे. कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलने की कोशिश करें. हो सकता है कि ऑफिस का हर काम आपको पसंद न हो पर आपको हर काम पूरे ध्यान से करना चाहिए.
पैसा नहीं अनुभव है महत्वपूर्ण- पैसा कमाने के लिए तो आपके पास जिंदगी पड़ी है. पैसे के आधार पर इंटर्नशिप का चुनाव कभी न करें. इस वक्त को स्वयं को तराशने, लोगों के बीच अपनी पहचान कायम करने और कुछ नया सीखने के लिए इस्तेमाल करें.
सीखने के लिए इस्तेमाल करें- पेड के बजाय अनपेड इंटर्नशिप चुनें, क्योंकि जब आपको भुगतान नहीं होगा, तो आप समय का सदुपयोग करने पर ज्यादा फोकस करेंगे. ऐसी स्थिति में आप सबसे ज्यादा सीखने पर ध्यान देंगे और अपने काम से एंप्लॉयर को प्रभावित करने को प्रयास करेंगे. आपसे प्रभावित बॉस खुद आपको आगे के अच्छे रास्ते सुझायेगा और आपकी अच्छी जॉब के लिए लोगों से सिफारिश करेगा.
सर्किल बढ़ाने पर जरूर ध्यान दें- इंटर्नशिप के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ संपर्क स्थापित करें. कलीग्स, क्लाइंट्स, वेंडर्स और दूसरे इंटर्न्स के साथ नेटवर्क बनायें. इनसे काम के अलावा भी संबंध विकसित करें. ऑफिस और इंडस्ट्री इवेंट्स में हिस्सा लें. लोगों से मुलाकात के बाद कॉन्टैक्ट डिटेल जरूर प्राप्त करें. खुद के पास विजिटिंग कार्ड एल्बम में और मोबाइल की फोन बुक में इनकी डिटेल सेव करके रखें.
काम का रिकॉर्ड रखें- आप ऑफिस में जो भी काम कर रहे हैं, उससे संबंधित पूरे कागज आपके पास होने चाहिए. आप जिस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, उससे संबंधित चुनौतियों, मौजूदा संसाधनों, टाइम लाइन, प्लानिंग और आपके द्वारा किये गये प्रयासों का पूरा ब्यौरा होना चाहिए. इससे आपको आगे की नौकरियों में जॉब इंटरव्यू में फायदा मिलेगा. लोगों से लिखित रूप में फीडबैक भी लें, जो आपके काम आयेगा.