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मां बनने के बाद रुक जाता है युवतियों के करियर का विकास

ब्रिटेन में हुए शोध में पता चला है कि बच्चा होने के बाद महिलाओं की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं और उनके करियर का विकास रुक जाता है. नेशनल कंटेंट सेल उच्च शिक्षा योग्यता वाली युवतियों के पास आज बेहतर काम की संभावनाएं हैं. लेकिन, ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि अक्सर […]

ब्रिटेन में हुए शोध में पता चला है कि बच्चा होने के बाद महिलाओं की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं और उनके करियर का विकास रुक जाता है. नेशनल कंटेंट सेल उच्च शिक्षा योग्यता वाली युवतियों के पास आज बेहतर काम की संभावनाएं हैं. लेकिन, ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि अक्सर बच्चा होने के बाद खराब मानसिक स्वास्थ्य व उचित नौकरी की कमी के कारण महिलाओं का विकास रुक जाता है.

यंग विमेन ट्रस्ट के अध्ययन के अनुसार मां बनने के बाद महिला की कैरियर के संभावनाओं बड़ा प्रभाव पड़ता है. गर्जियन में छपी खबर के अनुसार शोधकर्ताओं ने कहा है कि इससे मां की सारी योग्यताएं नहीं खत्म हो जाती.

जिन महिलाओं पर बच्चों की निर्भरता बढ़ती है तो वे अन्य महिलाओं की अपेक्षा छह गुणा आर्थिक रूप से निष्क्रिय हो जाती हैं. इसके विपरीत पुरुषों में पिता बनने पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता. शोधकर्ताओं ने कहा कि बच्चों की जिम्मेदारी मिलने के बाद महिलाओं की प्राथमिकता बदल जाती है. शोध में पाया गया कि ब्रिटेन में 16 से 24 की उम्र के 264,000 महिलाओं आर्थिक रूप से निष्क्रिय हैं.

इसका अर्थ है कि वे काम नहीं कर रहे हैं. यह पुरुषों की अपेक्षा 37 हजार ज्यादा है. श्रम बल सर्वेक्षण व विश्लेषण ट्रस्ट (औएनएस) ने जनवरी से मार्च 2016 के बीच सर्वे में पाया कि आर्थिक रूप से नि ष्क्रिय युवा महिलाएं का 29 प्रतिशत बच्चों के कारण अभी तथा 86 प्रतिशत महिलाएं भविष्‍य में काम करना चाहती हैं.

अनुसंधान के कॉफाउंडर बैरो कैडबरी ट्रस्ट व बाथ विश्वविद्यालय में पॉलिसी रिसर्च के प्रोफेसर सू मैगुरे ने पाया कि मां बनने के बाद महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य में पुरुषों की तुलना में ज्यादा प्रभावित होता है. रिपोर्ट में, शोधकर्ताओं द्वारा साक्षात्कार में कई युवा महि लाओं को शामिल किया गया था. इसमें उन्होंने बताया कि उन्हें ऐसा लगता है कि वे जीवन में उलझ कर रह गयीं हैं.

अपने अतीत और आज के बीच इतनी असमानता है कि रचनात्मक कार्यों के लिए सोच पाना मुश्किल हो गया है. 19 वर्षीया सोनिया ने बताया कि वह जब पहली बार प्रेग्नेंट हुई तो उसे नौकरी से निकालने का नोटिस दे दिया गया. उसने बताया कि मैंने बेहतर रिजल्ट देने की बात कही लेकिन नियोक्ताओं ने मुझे निकाल बाहर कर दिया.

ऐसी ही एक और महिला ने बताया कि मेरी प्रबंधक को जब पता चला कि मैं प्रेग्नेंट हूं तो वह खुश हुई और सहयोग करने का वाद भी किया लेकिन दो हफ्तों के बाद स्थिति बदल गयी. शोध के मुख्य कार्यकारी कैरोल ईस्टन ने बताया कि युवा महिलाओं को कार्यस्थल पर महिलाओं को बच्चों के स्वास्थ्य जांच में शामिल होने के लि ए 30 घंटें की छुट्टी दी जा सकती है.

छूटी एक लाख महिलाओं की नौकरी

ब्रिटिश सरकार अपने बेरोजगारी के आंकड़े को कम करने पर जोर देती है. लेकिन, इस साल के चौथी तिमाही में एक लाख
युवा महिलाओं ने ने नौकरी गंवायी है. ईस्टन ने बताया कि अध्ययन में हमने पाया की युवा महिलाओं को कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद वे अपने भविष्य को लेकर आशान्वित रहती हैं. शोध के लेखक मगुइर ने कहा कि अध्ययन में हमने पाया की समाज महिलाओं को एक समस्या के रूप में लेता है और उनकी क्षमताओं को नजरअंदाज कर देता है. उन्होंने बताया कि युवा महिलाओं को उनकी जम्मिेदारियों व मानसिक स्वास्थ्य की वजह से आर्थिक व सामाजिक छूट की आवश्यकता है.

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