इस तरह से 26 में से 13 सीटें आरक्षित की गई हैं. भाजपा नेतृत्व का कहना है कि राज्य चुनाव आयुक्त आरक्षण का आधार बताने में असमर्थता जताई है. साथ ही इसमें सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के साथ पक्षपात किया गया है. इसलिए पार्टी ने हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने का निर्णय लिया है.
भाजपा की राज्य कमेटी के सदस्य प्रदीप सरकार ने बताया कि बीते 8 दिसंबर को राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय में सीट आरक्षण को लेकर सुनवाई के दौरान भाजपा की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई थी. यदि इस आपत्ति को गंभीरता से नहीं लिया गया तो पार्टी हाईकोर्ट जायेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि आरक्षण के जरिये सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सबसे अधिक धांधली पिछड़े वर्ग के लिये आरक्षण के मामले में की गई है. 16 नवंबर को राज्य चुनाव आयुक्त एके सिंह की तरफ से जिला परिषद की 26 सीटों के आरक्षित सीटों की अंतरिम सूची प्रकाशित की गयी थी.