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माकपा बनायेगी भाजपा व तृणमूल विरोधी फ्रंट

दार्जिलिंग में निष्पक्ष चुनाव होने पर आशंका डीएम के तबादले की मांग, चुनाव आयोगको पत्र पहाड़ की पार्टियों से भी की जायेगी चर्चा सभी के साथ बातचीत के बाद तय होगा उम्मीदवार सिलीगुड़ी : वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दार्जिलिंग जिला माकपा अपनी नई रणनीति बनाने जा रही है.पार्टी भाजपा तथा तृणमूल विरोधी […]

दार्जिलिंग में निष्पक्ष चुनाव होने पर आशंका

डीएम के तबादले की मांग, चुनाव आयोगको पत्र
पहाड़ की पार्टियों से भी की जायेगी चर्चा
सभी के साथ बातचीत के बाद तय होगा उम्मीदवार
सिलीगुड़ी : वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दार्जिलिंग जिला माकपा अपनी नई रणनीति बनाने जा रही है.पार्टी भाजपा तथा तृणमूल विरोधी पार्टियों के साथ गठबंधन करेगी. इस मुद्दे पर पहाड़ से लेकर समतल तथा सभी क्षेत्रीय तथा केन्द्रीय पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक की जायेगी. माकपा का लक्ष्य केन्द्र में भाजपा तथा राज्य में तृणमूल कांग्रेस को हराना है.
शुक्रवार को हिलकार्ट रोड स्थित माकपा कार्यालय अनिल विश्वासन भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सिलीगुड़ी के विधायक तथा मेयर अशोक भट्टाचार्य ने इस बात को साफ कर दिया.उन्होंने बताया कि भाजपा तथा तृणमूल कांग्रेस पहाड़ पर गोर्खा जाति पर हर प्रकार से अत्याचार कर रही है. इस बात पर पार्टी में विस्तार से चर्चा हुई है. मेयर ने कहा कि पहाड़ा जीटीए का अस्तित्व संकट में है. विनय तमांग तथा अनित थापा को प्रशासक की जिम्मेदारी दी गयी है. दोनों को पद से हटाकर जल्द चुनाव करवाने की उन्होंने मांग की है.
उन्होंने कहा माकपा पहाड़ में गणतंत्र चाहती है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग से माकपा की जीत होगी. इसको लेकर भाजपा तथा तृणमूल विरोधी सभी पार्टियों से बातचीत करेंगे. उन्होंने जीटीए समझौते के तहत पहाड़ पर सभी अस्थायी कर्मियों के स्थायीकरण तथा पहाड़ एवं समतल के सभी चाय बागान श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी घोषित करने की है.
उन्होंने बताया कि विरोधी होने के चलते सिलीगुड़ी नगर निगम, सिलीगुड़ी महकमा परिषद तथा विधायकों के साथ पक्षपात किया जा रहा है. इस मुद्दे को भी लोकसभा चुनाव में उठाया जायेगा.श्री भट्टाचार्य ने आगे कहा कि दार्जिलिंग जिला की वर्तमान डीएम भी राजनीति के गलियारों में खो गई हैं. अगर उनकी देखरेख में चुनाव होता है तो चुनाव कभी भी शांतिपूर्ण संपन्न नहीं हो पायेगा.
चुनाव से पहले जिला शासक का तबादला जरूरी है. वे दार्जिलिंग जिला की डीएम के तबादले की मांग में चुनाव आयोग को पत्र भी लिखेंगे. दार्जिलिंग से माकपा का उम्मीदवार कौन होगा, इस विषय पर मेयर ने कुछ कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने सभी राजनीति दलों को साथ आकर चर्चा करने का आमंत्रण दिया है. मेयर ने ये भी साफ कर दिया है कि अगर जरुरत पड़ेगी तो वे लोकसभा चुनाव में भाजपा तथा तृणमूल कांग्रेस का पत्ता साफ करने के लिए कांग्रेस के साथ भी गठबंधन करेंगे.

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