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रांची : कमेटी 436 पारा शिक्षकों को हटाने के पक्ष में नहीं

आनंद मोहन सेवा का अनुमोदन पत्र देना विभाग का दायित्व होगा रांची : प्रखंड शिक्षा समिति द्वारा पारा शिक्षकों की सेवा का अनुमोदन पत्र उपलब्ध कराना विभाग की जवाबदेही होगी़ राज्य के पारा शिक्षकों द्वारा सेवा अनुमोदन का पत्र नहीं उपलब्ध कराये जाने के कारण सैकड़ों पारा शिक्षकों की सेवा अवैध बतायी गयी थी़ पलामू […]

आनंद मोहन
सेवा का अनुमोदन पत्र देना विभाग का दायित्व होगा
रांची : प्रखंड शिक्षा समिति द्वारा पारा शिक्षकों की सेवा का अनुमोदन पत्र उपलब्ध कराना विभाग की जवाबदेही होगी़ राज्य के पारा शिक्षकों द्वारा सेवा अनुमोदन का पत्र नहीं उपलब्ध कराये जाने के कारण सैकड़ों पारा शिक्षकों की सेवा अवैध बतायी गयी थी़ पलामू के छतरपुर, नौडीहा और सतबरवा प्रखंड के करीब 436 पारा शिक्षकों की सेवा विभाग ने अवैध करार दी थी
राज्य के दूसरे जिलों में भी इसी आधार पर पारा शिक्षकों की सेवा अवैध बतायी गयी है़ पारा शिक्षक सेवा अनुमोदन का पत्र विभाग को नहीं दिखा पाये थे़ यह मामला मॉनसून सत्र में सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने उठाया था
विभाग की ओर से स्पष्ट जवाब नहीं मिलने पर स्पीकर दिनेश उरांव ने मामले की जांच के लिए विशेष कमेटी के गठन का निर्देश दिया था़ भाजपा विधायक सत्येंद्र तिवारी को कमेटी का संयोजक बनाया गया था़ कमेटी में विधायक व प्रश्नकर्ता श्री किशोर, प्रकाश राम और हरेकृष्ण सिंह शामिल किये गये थे़ इस मामले में कमेटी ने डेढ़ महीने में जांच पूरी की
कमेटी ने जांच के क्रम में विभाग द्वारा जारी विज्ञापन, अलग-अलग स्कूलों में पारा शिक्षकों की रिक्तियां, ग्राम शिक्षा समिति की अनुशंसा और प्रखंड शिक्षा समिति के अनुमोदन का अध्ययन किया़ कमेटी ने विभाग से पूछा कि पारा शिक्षकों की नियुक्ति स्कूलों में शिक्षक की रिक्तियों के आधार पर हुई या नही़ं कमेटी ने कहा कि राज्यभर में पारा शिक्षकों की नियुक्ति में एकरूपता
रखी जाये़ सेवा अनुमोदन का पत्र प्रखंड कार्यालय या शिक्षा विभाग के पास होना चाहिए़ इसे उपलब्ध कराने की जवाबदेही शिक्षकों की नहीं है 15 अक्तूबर को कमेटी की आखिरी बैठक होगी, इसके बाद रिपोर्ट विधानसभा को सुपुर्द कर दी जायेगी़
विस कमेटी में ये हैं शामिल : संयोजक- सत्येंद्र तिवारी, सदस्य : राधाकृष्ण किशोर, प्रकाश राम, हरेकृष्ण सिंह
अन्य जिलों में भी फंसा हुआ है मामला
पारा शिक्षकों के सेवा अनुमोदन संबंधित मामला राज्य के अन्य जिलों में भी फंसा है. कई जिलों में पारा शिक्षकों के सेवा अनुमोदन संबंधित कागजात नहीं मिल रहा है. इन जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति पर सवाल उठ रहे हैं.
पहले तीन बार हो चुकी है जांच विकास आयुक्त भी कर चुके हैं जांच
पारा शिक्षकों की सेवा की वैधता और अवैधता को लेकर अब तक तीन बार जांच हो चुकी है़ वर्ष 2012 से यह मामला चल रहा है़ इस मामले की जांच डीएसइ बांकेबिहारी कर चुके है
इन्होंने तीन प्रखंड के पारा शिक्षकों की सेवा की जांच की थी़ इस जांच में सेवा पत्र उपलब्ध नहीं कराने वाले पारा शिक्षकों को बरखास्त करने की अनुशंसा की गयी इसके बाद शिक्षा सचिव बीके त्रिपाठी ने आदेश भी जारी कर दिया
इसके दो महीने बाद विभाग ने डीएसइ शिवेंदु कुमार की अध्यक्षता में जांच कमेटी बना कर मामले की छानबीन की़ शिवेंदु कुमार ने जिन पारा शिक्षकों की सेवा को अवैध बताया, उसे पहली कमेटी ने वैध बताया था
इसके बाद तीसरी बार मामले की जांच पलामू डीडीसी से करायी गयी़ डीडीसी की जांच में शिवेंदु कुमार की जांच रिपोर्ट से अलग तथ्य दिये गये़ यह मामला लटका ही रहा़ विधानसभा में मामला उठने के बाद विस कमेटी से चौथी बार जांच करायी जा रही है़

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