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रांची : बेटी ने नहीं, मकान मालिक ने दर्ज करायी प्राथमिकी

अरसंडे में एक ही परिवार के सात की माैत का मामला रांची : कांके थाना क्षेत्र के अरसंडे में किराये के मकान में रहनेवाले सच्चिदानंद झा सहित उनके परिवार के सात लोगों की मौत मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. मकान मालिक अलख नारायण मिश्रा ने कांके थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी […]

अरसंडे में एक ही परिवार के सात की माैत का मामला

रांची : कांके थाना क्षेत्र के अरसंडे में किराये के मकान में रहनेवाले सच्चिदानंद झा सहित उनके परिवार के सात लोगों की मौत मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है. मकान मालिक अलख नारायण मिश्रा ने कांके थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. पुलिस ने अस्वाभाविक मौत को लेकर यूडी केस दर्ज किया है. पुलिस के अनुसार, सच्चिदानंद की बेटी संध्या को घटना की सूचना दी गयी थी, लेकिन वह अपने परिजनों का शव तक देखने नहीं आयी.
उससे लिखित शिकायत दर्ज कराने का भी अनुरोध किया गया, लेकिन उसने इनकार कर दिया.
क्या है दर्ज प्राथमिकी में : अलख नारायण मिश्रा की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी के अनुसार वह सोमवार की सुबह बूटी मोड़ के समीप स्थित अपने घर पर थे. उन्हें अरसंडे स्थित घर में रहने वाले किरायेदार चंदन पांडेय ने बताया कि रूपेश झा कमरे में फंदे से लटका हुआ है. परिवार के अन्य लोग भी घर में हैं, लेकिन आवाज देने पर अंदर से कोई आवाज नहीं आ रही है. घटना की सूचना अलख नारायण ने कांके थाना को दी. इसके बाद वे भी अरसंडेवाले घर पहुंचे. कमरे के अंदर झांकने पर देखा कि एक कमरे में रूपेश और दूसरे कमरे में दीपक झा फंदे से लटका हुआ है.
बेटी ने नहीं…
परिवार के अन्य सदस्य जमीन और बिस्तर पर लेटे हुए हैं. उनका शरीर कंबल से ढंका हुआ है. तब उन्हें पता चला कि घटना रविवार रात की है. उन्होंने प्राथमिकी में यह भी उल्लेख किया है कि पूरा परिवार आर्थिक तंगी के कारण मानसिक दबाव में था.
कर्ज के बोझ से दबे थे दोनों भाई : पुलिस की आरंभिक जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि दीपक अपने पुत्र के इलाज में काफी पैसा खर्च कर चुका था. इसकी भरपाई के लिए उसके पिता को मिलनेवाली पेंशन को बंधक रखना पड़ा था. यहां तक कि गांव की पैतृक संपत्ति भी बेचनी पड़ी थी. उसने कई लोगों से कर्ज भी ले रखा था.
दीपक झा जिस कंपनी में काम करता था, उनके संचालक ने सेल्समैन किसलय मिश्रा के खिलाफ 27 जुलाई को लोअर बाजार थाना में गबन का मामला दर्ज कराया था. किसलय जाली रसीद बनाकर फर्नीचर बेचने के नाम पर दो ग्राहकों से ठगी कर चुका था. दोनों भाई दीपक झा और रूपेश झा इस बात से घबराये थे कि वे भी गबन के मामले में फंस सकते हैं. दोनों भाई पहले से ही 7.5 लाख रुपये के कर्ज में डूबे हुए थे.
पोस्टमार्टम टीम के सदस्य
पोस्टमार्टम टीम में फॉरेंसिक विभाग से विभागाध्यक्ष डॉ तुलसी महतो, डॉ कुमार शुभेंदु व डॉ आनंद के अलावा स्त्री रोग विभाग से डॉ मिताली परासर, मेडिसिन से डॉ मनीष कुमार, सर्जरी से डॉ मृगेंद्र कुमार राय व पैथोलॉजी से डॉ राजीव भारद्वाज शामिल थे.
पोस्टमार्टम कर सभी की रिपोर्ट सीलबंद कर दी गयी है. दोनों बच्चों का बिसरा भी अागे की जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है.
डॉ तुलसी महतो, विभागाध्यक्ष, फॉरेंसिक विभाग
पुलिस के अनुरोध के बाद भी सच्चिदानंद झा की बेटी नहीं आयी
अस्वाभाविक मौत का केस दर्ज कर पुलिस ने शुरू किया अनुसंधान
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी खुलासा
पांच की हत्या व दो ने की आत्महत्या
कांके थाना क्षेत्र के अरसंडे में एक ही परिवार के सात लोगों की मौत मामले में रिम्स मेडिकल बोर्ड ने रिपोर्ट तैयार कर ली है. इसमें पांच सदस्यों की हत्या और दो सदस्यों की आत्महत्या की पुष्टि की गयी है. रिपोर्ट के अनुसार, दोनों बच्चों (दृष्टि और जंगी) की हत्या मुंह व नाक दबा कर (प्रेशर ऑफ माउथ) की गयी है. रिपोर्ट के अनुसार, सच्चिदानंद झा व सोनी देवी की मौत गला दबाने (प्रेशर ऑफ द नेक) से हुई है. वहीं, गायत्री देवी को गला दबाने के अलावा गला व पेट पर जख्म के निशान पाये गये हैं.
यह निशान छुरे का प्रतीत होता है, जबकि दीपक झा व रूपेश झा के गले पर फंदे के निशान (प्रेशर ऑफ नेक) पाये गये हैं. विशेषज्ञों की मानें, तो दीपक झा व रूपेश झा ने पहले अपने परिवार के पांच सदस्यों की हत्या की. इसके बाद खुद फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. पुत्र जंगू के सिर में ऑपरेशन के निशान भी पाये गये हैं. दोनों बच्चाें का बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है, जिसे जांच के लिए भेजा जायेगा. किसी भी मृतक के शरीर में जहर का कोई अंश नहीं पाया गया है.
मासूमों के पोस्टमार्टम के दौरान विचलित हो रहे थे चिकित्सक
बच्चों के पोस्टमार्टम के दौरान मेडिकल बोर्ड में शामिल चिकित्सक कई बार विचलित हो गये, लेकिन पोस्टमार्टम की जिम्मेदारी थी, इसलिए उन्होंने अपना दायित्व निभाया.
गला घोंटने व फांसी लगाने से गले पर हुआ है दबाव
बच्चों का बिसरा सुरक्षित, आगे होगी जांच
रिम्स में रखे गये हैं शव
अंतिम संस्कार के लिए अपनों का इंतजार
पोस्टमार्टम के बाद सभी सात शवों को रिम्स के शीतगृह में रखा गया है. पोस्टमार्टम के बाद जब फॉरेंसिक विभाग के पदाधिकारियों ने शवों को ले जाने के लिए कहा, तो पुलिस पदाधिकारियों ने शीतगृह में रखने के लिए कह दिया. अब पुलिस के आग्रह पर शवों को तब तक शीतगृह में रखा जायेगा, जब तक शवों को कोई लेनेवाला नहीं आ जाता है. विभागाध्यक्ष डॉ तुलसी महतो ने बताया कि उनका काम पोस्टमार्टम करना था, जो कर दिया. अब प्रशासन का कार्य है कि वह शव परिजनों को सौंपे या अंतिम संस्कार कराये.
बुधवार को सच्चिदानंद झा के भाई शव लेने के लिए रांची आयेंगे, पुलिस से किया संपर्क
मंगलवार की शाम सच्चिदानंद के भाई केएन झा ने रांची पुलिस से संपर्क कर शव सौंपने का अनुरोध किया है. केएन झा ने बताया कि सच्चिदानंद उनके अपने भाई हैं. वर्तमान में वह दिल्ली में रहते हैं.
श्री झा ने बताया कि वह दिल्ली से ट्रेन से रांची के लिए निकल चुके हैं. बुधवार को रांची पहुंच सकते हैं. इसके बाद शव हासिल कर अंतिम संस्कार रांची में ही करने का निर्णय लिया है.

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