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झारखंड : पीएम आवास योजना के तहत बने 27,310 आवास

रांची : केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत झारखंड में 27,310 आवासों का निर्माण किया है और 48,483 आवास निर्माणाधीन हैं. केंद्र सरकार ने झारखंड राज्य को स्लम फ्री बनाने के लिए कुल 497.34 करोड़ की राशि दी है. केंद्र सरकार ने कुल 2290.62 करोड़ रुपये मंजूर किये थे, उसमें से 497.34 करोड़ […]

रांची : केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत झारखंड में 27,310 आवासों का निर्माण किया है और 48,483 आवास निर्माणाधीन हैं. केंद्र सरकार ने झारखंड राज्य को स्लम फ्री बनाने के लिए कुल 497.34 करोड़ की राशि दी है.
केंद्र सरकार ने कुल 2290.62 करोड़ रुपये मंजूर किये थे, उसमें से 497.34 करोड़ राज्य को दे दिया है. वहीं पीएमएवाई(यू) अंतर्गत कुल 154759 आवास स्वीकृत किये थे, उसमें 75793 आवासों का शिलान्यास 41 शहरों और निकायों में किया गया है. अब तब राज्य में निर्मित 27,310 आवासों में से 25,992 आवास लाभार्थियों को सौंपा गया है. केंद्रीय आवास और शहरी कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने आठ फरवरी को राज्यसभा में यह जानकारी सांसद परिमल नथवाणी द्वारा पूछे गए प्रश्न के प्रत्युत्तर में उपलब्ध करायी.
मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) के कार्यदल ने भारतीय शहरों को स्लम मुक्त बनाने पर बल दिया था और कार्यदल के सुझावों को राजीव आवास योजना (आरएवाई) में शामिल कर लिया गया था .जिसका उद्देश्य भारतीय शहरों को स्लम मुक्त बनाना है. सभी चालू आरएवाई परियोजनाओं को अब प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)में मिला दिया गया है, जिसे जून, 2015 में स्लमवासियों सहित सभी पात्र शहरी गरीबों को आवास प्रदान करने के लिए आरंभ किया गया था.
श्री नथवाणी जानना चाहते थे कि एनएसी के एक कार्यकारी समूह ने इस बात पर बल दिया है कि मलिन बस्तियों में रहने वालों का पुनर्वास उन्हीं स्थानों पर किया जाना चाहिए जहां वे वर्तमान में रह रहे हैं और देश भर में मलिन बस्तियों में रहने वालों के पुनर्वास की शहर-वार वर्तमान प्रगति क्या है एवं क्या सरकार ने शहरी भारत को मलिन बस्तियों से मुक्त बनाये जाने के लक्ष्य को किस निर्धारित अवधि में प्राप्त कर लिया जायेगा. मंत्री के अनुसार, इन योजनाओं के अंतर्गत आवासों का निर्माण/आवंटन करना संबंधित राज्‍य/संघ राज्‍य सरकारों और शहरी स्थानीय निकायों का उत्तरदायित्व है. पीएमएवाई (यू) की मिशन की अवधि वर्ष 2022 तक है.
Prabhat Khabar Digital Desk
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