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बयान से पलटे रवींद्र राय : पहले आजसू को चुनाव नहीं लड़ने की नसीहत दी, अब बोल रहे उनकी भावना की कद्र करते हैं

गिरिडीह सीट आजसू को देने पर कहा था: आखिर आत्मघाती कदम कब तक उठाते रहेंगे रांची : दो दिन पहले कोडरमा के सांसद रवींद्र राय गिरिडीह लोकसभा सीट आजसू को दिये जाने पर सवाल उठा रहे थे. केंद्रीय नेतृत्व से कह रहे थे कि इस तरह का निर्णय लेने से पहले वस्तुस्थिति की जानकारी ले […]

गिरिडीह सीट आजसू को देने पर कहा था: आखिर आत्मघाती कदम कब तक उठाते रहेंगे
रांची : दो दिन पहले कोडरमा के सांसद रवींद्र राय गिरिडीह लोकसभा सीट आजसू को दिये जाने पर सवाल उठा रहे थे. केंद्रीय नेतृत्व से कह रहे थे कि इस तरह का निर्णय लेने से पहले वस्तुस्थिति की जानकारी ले लेनी चाहिए़ सांसद कह रहे थे कि आखिर भाजपा इतना सेक्रीफाइस और आत्मघाती कदम कब तक उठाती रहेगी.
अब सुर बदल गया है. आजसू को नसीहत देने के बदले उनकी भावना की कद्र करने की बात कह रहे हैं. केंद्रीय नेतृत्व को किसी भी सीट पर निर्णय लेने के लिए सक्षम बता रहे है़ं
पहले क्या कहा था
एकाध बार छोड़ दिया जाये, तो वस्तुत: गिरिडीह लोकसभा भारतीय जनता पार्टी का रहा है और अभी तक पार्टी का कोई अधिकृत बयान इस संबंध में नहीं आया है कि गिरिडीह आजसू को देने की तैयारी हुई है.
मुझे लगता है कि इस प्रकार का समाचार गलत ढंग से प्रचारित किया जा रहा है. पार्टी की कोई अधिकृत सूचना नहीं है, घोषणा नहीं है. कहीं न कहीं मुझे लगता है कि जनता के बीच दुष्प्रचार करने की कोशिश हुई है़ और मैं समझता हूं कि गिरिडीह में आजसू को विचार ही नहीं करना चाहिए लड़ने का़ क्योंकि ऐसी परंपरागत सीटें यदि हम छोड़ देंगे, तो विरोधी दलोें को लाभ मिलेगा़
आजसू एनडीए एनडीए का मित्र है, तो उसे विरोधी दलों को लाभ पहुंचाने का काम नहीं करना चाहिए. भाजपा के एक-एक कार्यकर्ता ने चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार को जिताने की तैयारी की है. इस प्रकार का राजनीतिक हमला मुझे लगता है कि बड़ा ही दु:खद होगा और इसे बचाना अासान नहीं होगा़
हम अपने नेतृत्व से जरूर अनुरोध करते हैं कि इस प्रकार का निर्णय लेने से पहले वस्तुस्थिति की जानकारी लेना चाहिए़ और जिसका कहीं जनाधार नहीं रहा है, तो ऐसे दल़…(हो-हल्ला में आवाज स्पष्ट नहीं), नहीं भूलना चाहिए कि टुंडी की सीट हमने दी, तो कैंडिडेट भी हम्ही को देना पड़ा़ तो ई राजकुमार, क्या नाम है उनका, महतो जी हैं, जो हमारे पदाधिकारी थे.
उनको सीट दिया, तो उनको कैंडिडेट नहीं था. राजकिशाेर महतो जी पदाधिकारी थे. हमने उनको सीट भी दिया, कैंडिडेट भी दिया. हम आखिर इतना इस प्रकार का सेक्रीफाइस और आत्मघाती कदम कब तक उठाते रहेंगे़
(प्रभात खबर के पास इसका ऑडियो है, हम उनकी बात हू-ब-हू छाप रहे हैं)
अब क्या कह रहे हैं रवींद्र राय
गिरिडीह (झारखंड) में सहयोगी दल के साथ गठबंधन के संबंध में जो समाचार छप रहे हैं, उसमें मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व जो निर्णय लेगा, पूरी पार्टी और हमारे जैसे कार्यकर्ता पार्टी के साथ हैं और पार्टी के आदेश का पालन करते रहेंगे.
पार्टी के अंदर किसी प्रकार का अंतर्विरोध पैदा करने का जो प्रचार हो रहा है, उसकी मैं निंदा करता हू़ं हमारा भाजपा केंद्रीय नेतृत्व किसी भी सीट के लिए कोई भी निर्णय लेने मेें सक्षम है. अलग-अलग क्षेत्र की जो राजनीतिक परिस्थिति है, उसकी चर्चा स्वाभाविक है और वस्तुस्थिति की जानकारी देने की कोशिश है. परंतु जो समाचार बनाये जा रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत है.
भाजपा एक अनुशासित राजनीतिक दल है और हम सब उनके साथ बंधे है़ं झारखंड में पूर्व में गठबंधन धर्म का पालन बीजीपी की तरफ से हाेता रहा है. बीजेपी आजसू की भावना का कद्र करती है और आजसू भी परिस्थितियों और भाजपा के कार्यकर्ताओं की भावनाओं का ख्याल रखेगी, इसकी उम्मीद करते हैं. मेरी बातचीत काे नकारात्मक रूप में पेश किया जाना गलत है़

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