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रांची : ट्विटर चौपाल में हेमंत सोरेन ने कहा, झामुमो की सरकार बनी, तो स्थानीय नीति बदलेंगे

रांची : झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर झामुमो की सरकार बनती है, तो स्थानीय नीति में बदलाव किया जायेगा. यह प्रयास होगा कि यहां के स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले. ऐसी नियोजन नीति बनायी जायेगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके. युवाओं को […]

रांची : झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर झामुमो की सरकार बनती है, तो स्थानीय नीति में बदलाव किया जायेगा. यह प्रयास होगा कि यहां के स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले. ऐसी नियोजन नीति बनायी जायेगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके.
युवाओं को डिग्री के अनुरूप रोजगार नहीं मिल रहा है. इंजीनियरिंग की डिग्री रखनेवाले युवाओं को पॉलिटेक्निक के डिग्री धारकों के अनुरूप वेतन मिल रहा है. वहीं पॉलिटेक्निक डिग्री वाले को क्लर्क के समान वेतन मिल रहा है. श्री सोरेन बुधवार को हरमू स्थित सोहराय भवन में ट्विटर इंडिया की ओर से आयोजित ट्विटर चौपाल में लोगों की ओर से पूछे गये सवालों का जवाब दे रहे थे.
दुमका से आये एक व्यक्ति ने पूछा था कि अगर झामुमो की सरकार बनी, तो वे आदिवासी-मूलवासी के हित में सबसे पहला क्या कदम उठायेंगे. ट्विटर चौपाल में श्री सोरेन से बुनियादी सुविधाओं से लेकर राजनीतिक व ब्यूरोक्रेसी पर भी सवाल किये गये. कार्यक्रम का संचालन विधायक कुणाल षाड़ंगी ने किया.
कंकड़-पत्थर काे जाेड़ कर सीढ़ी बनानी पड़ती है, तब हासिल हाेता है लक्ष्य
झामुमो क्यों नहीं अकेले चुनाव लड़ रहा है. महागठबंधन की क्यों जरूरत पड़ रही है?
देखिये, लंबा सफर तय करने व मंजिल पाने के लिए जुगत लगानी पड़ती है. कंकड़, पत्थर को जोड़ कर सीढ़ी बनानी पड़ती है. तब लक्ष्य हासिल होता है. राजनीति से राजहित ऊपर होता है. राजहित को ध्यान में रख कर महागठबंधन बनाने की कोशिश हो रही है.
क्या झामुमो देश स्तर पर आदिवासियों की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करेगा?
झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने आदिवासियों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ आंदोलन चलाया. इसको लेकर लोगों को एकजुट किया़ आदिवासियों के खिलाफ हो रहे जुल्म को रोकने के लिए हर स्तर पर प्लेटफॉर्म बनाने की जरूरत है.
जमशेदपुर में एक फौजी का परिवार तीन माह से धरने पर बैठा है. सरकार को क्या पहल करनी चाहिए?
देश की सुरक्षा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. वर्तमान में लोगों को ऐसा महसूस हो रहा है कि युद्ध हो रहा है. देश की सुरक्षा को देखना सेना का काम है. इसके लिए सेना सक्षम भी है. इसमें किसी का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए कि लोगों की भूख से मौत न हो.
क्या कारण है कि ईमानदार ब्यूरोक्रेट झारखंड छोड़ कर जा रहे हैं?
यह सरकार का विषय है. काम का बेहतर माहौल होना चाहिए, ताकि अधिकारी खुल कर काम कर सकें.
जेपीएससी की व्यवस्था में कैसे सुधार किया जा सकता है?
यह दुर्भाग्य है कि पिछले चार साल में जेपीएससी एक भी परीक्षा आयोजित नहीं कर पाया. जेपीएससी नियुक्ति का मामला हाइकोर्ट में विचाराधीन है. सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए कि लोगों को रोजगार मिले. अगर सरकार की नीयत सही होगी, तो संस्थाएं अच्छे ढंग से काम करेंगी.

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