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डीएम व एसडीएम ने जज शिवपाल सिंह को फोन कर की थी चारा घोटाले में लालू की पैरवी

रांची : चारा घोटाले में देवघर कोषागार (आरसी 64 ए/96) से हुई फर्जी निकासी के मामले में लालू प्रसाद को सजा सुनाये जाने से पूर्व सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह को उत्तर प्रदेश के एक जिले के डीएम और एसडीएम ने फोन किया था. दोनों ने फोन कर लालू प्रसाद की पैरवी की थी. […]

रांची : चारा घोटाले में देवघर कोषागार (आरसी 64 ए/96) से हुई फर्जी निकासी के मामले में लालू प्रसाद को सजा सुनाये जाने से पूर्व सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह को उत्तर प्रदेश के एक जिले के डीएम और एसडीएम ने फोन किया था. दोनों ने फोन कर लालू प्रसाद की पैरवी की थी. सूत्रों के अनुसार, डीएम ने कहा था कि लालू जी अच्छे आदमी हैं.
वहीं, एसडीएम ने न्यायाधीश को फोन कर कहा था कि लालू जी रिश्तेदार लगते हैं, देख लीजिएगा सर. बताया जाता है कि इसी फोन के बाद फैसले के बिंदु पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने लालू प्रसाद से कहा था कि आपके कई शुभचिंतक फोन कर पैरवी कर रहे हैं, लेकिन मैं किसी की नहीं सुनता. मैं वही करूंगा, जो कानून कहता है. न्यायाधीश शिवपाल सिंह उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के रहनेवाले हैं.
लालू को दोषी करार दिये जाने के दिन ही अफसरों के आये थे फोन
डीएम ने कहा था, झारखंड में जज हैं न, पहले कानून पढ़ कर आइए
न्यायाधीश शिवपाल सिंह का पैतृक घर जालौन जिले के ग्राम शेखपुर खुर्द, पोस्ट सिहारी दाउदपुर में है.यहीं पर खुद की जमीन पर कब्जे के लिए जज शिवपाल और उनके भाई पिछले 11 साल से जालौन के कनीय से लेकर वरीय अधिकारियों तक के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन कोई सुन नहीं रहा था.
जज शिवपाल सिंह ने 12 दिसंबर को डीएम और एसपी से मुलाकात कर मामले को निबटाने का आग्रह किया था. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि इस क्रम में डीएम ने शिवपाल सिंह से कहा कि वह झारखंड में न जज हैं, पहले कानून पढ़ कर आयें. इससे पूर्व जज ने ग्राम प्रधान और बीडीओ की उपस्थिति में अपनी जमीन पर पत्थर गड़वाये थे, लेकिन रात में ही विरोधियों ने पत्थर हटवा दिया था.
मीडिया के दबाव में डीएम व एसडीएम ने किया काम
जिस जमीन पर कब्जे के लिए जज और उनका परिवार 11 सालों से अधिकारियों के चक्कर लगा रहे थे, उस पर कब्जा दिलाने के लिए स्थानीय कोतवाल और तहसीलदार सहित अन्य मंगलवार को मीिडया में खबर आने के बाद सक्रिय हुए. सभी जज के पैतृक गांव पहुंचे.
मापी कर जज की जमीन निकाली. करीब एक एकड़ जमीन मुक्त करायी गयी. हालांकि अब भी कुछ विवाद क्लियर नहीं हुआ है. जमीन का विवाद बुलशेर खान, इंद्रपाल सिंह, भागवत सिंह और एस पाल सिंह से चल रहा था. इन लोगों ने जज के भाई सुरेंद्र पाल सिंह और अन्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था.
इलाहाबाद से ली है लॉ की डिग्री
न्यायाधीश शिवपाल सिंह के गांव जानेवाली सड़क का हाल काफी बुरा है. बारिश में तो हालत ऐसी हो जाती है कि लोगों को हाथ में चप्पल लेकर गांव जाना पड़ता है. सिर्फ ट्रैक्टर ही आ-जा सकता है. बताया जाता है कि न्यायाधीश शिवपाल सिंह की मां की तबीयत काफी खराब हो गयी थी, पर खराब सड़क के कारण उन्हें समय पर अस्पताल नहीं ले जाया जा सके और इस कारण उनका निधन हो गया.
न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने पांचवीं तक की पढ़ाई सिहारी दाउदपुर से की. इसके बाद आठवीं तक श्री अगनू जूनियर हाइस्कूल से पढ़ाई की. 10वीं की पढ़ाई सनातन धर्म इंटर स्कूल से की. जब 1979 में इंटर में गये थे, तो उनकी शादी हो गयी थी. बीएसएसी तक की पढ़ाई इलाहाबाद से की. वहीं से लॉ की डिग्री भी ली.

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