37.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

स्‍नातक की इस छात्रा ने कायम की मिसाल, सामाजिक मिथकों को तोड़ करायी विधवा बहन की शादी

।। गुरुस्वरूप मिश्रा ।। कविता उम्र के लिहाज से काफी छोटी है. महज 18 साल की है. अभी स्नातक कर रही है. इसके बावजूद काफी संवेदनशील है. आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन जब वह सिर्फ 16 वर्ष की थी, तो उसने तमाम सामाजिक मिथकों को तोड़ गांव-समाज को जीने की नयी राह दिखायी. आपको यह […]

।। गुरुस्वरूप मिश्रा ।।

कविता उम्र के लिहाज से काफी छोटी है. महज 18 साल की है. अभी स्नातक कर रही है. इसके बावजूद काफी संवेदनशील है. आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन जब वह सिर्फ 16 वर्ष की थी, तो उसने तमाम सामाजिक मिथकों को तोड़ गांव-समाज को जीने की नयी राह दिखायी.

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जो काम समाज के बड़े बुजुर्गों को करना चाहिए था, उसे इस छोटी सी बच्‍ची ने कर दिखाया. उसने अपनी बड़ी विधवा बहन की शादी कराकर मिसाल कायम की. यह उसकी पहल और साहस का ही नतीजा है कि आज उसकी बड़ी बहन अपनी ससुराल में नया जीवन जी रही है.

अब उसकी बड़ी विधवा बहन पहले की तरह उदास नहीं रहती, बल्कि दोबारा शादी करने के बाद अपने बच्चे के साथ खुशहाल जिंदगी जी रही है. इसका पूरा क्रेडिट जाता है रांची के बुढ़मू की बिटिया कविता सिंह को.

नाम- कविता सिंह. उम्र-18 वर्ष. पीटीपीएस, कॉलेज, पतरातू से हिंदी ऑनर्स कर रही है. प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती भी है. पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी है. किसान परिवार से ताल्लुक रखती है, लेकिन छोटी सी उम्र में उसने सामाजिक बदलाव की मोटी लकीर खींच दी है. इसकी शुरुआत उसने अपने घर से की.

छोटी सी उम्र में विधवा हो चुकी अपनी बड़ी बहन का दुख उससे देखा नहीं जा रहा था. वह हमेशा खुद में खोयी रहती थी. इसी दौरान जीवन कौशल (लाइफ स्किल) के मिले प्रशिक्षण ने कविता की आंखें खोल दी. आखिरकार कविता ने अपनी दीदी की शादी कराकर उसे नया जीवन देने का निर्णय ले लिया.

ग्रामीण इलाके में विधवा की शादी कराना इतना आसान भी नहीं था. यह जानकर भी छोटी सी उम्र में उसने यह जिद ठान ली. आपको जानकर हैरत होगी कि इन्होंने अपने परिजनों के साथ-साथ अन्य को भी इसके लिए राजी कर लिया.

* विधवा का जीवन मानो अभिशाप हो

जब कविता की बड़ी बहन की शादी काफी कम उम्र (15 वर्ष ) में हो रही थी, उस वक्त कविता का कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में नामांकन ही हुआ था. शादी के एक वर्ष बाद बड़ी बहन को एक पुत्र हुआ. इसके कुछ ही दिनों बाद पति का वर्ष 2016 में निधन हो गया. इस कारण बड़ी बहन अपने मायके में मां-पिता के साथ रहने लगी.

जब कविता छुट्टियों में अपने घर वापस आती थी, तो वह काफी करीब से अपनी बड़ी बहन को देखती थी कि कैसे वह अकेली अपने बच्चे की देखभाल कर रही है. किसी रीति-रिवाज और धार्मिक अनुष्ठानों में भी वह शामिल नहीं होती थी. जिंदगी से खुशियां कोसों दूर थी. ऐसी जिंदगी जी रही थी मानो विधवा का जीवन अभिशाप हो.

* घरवालों को सता रहा था समाज का भय

वर्ष 2015 में गैर सरकारी संस्था सेव द चिल्ड्रेन द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पी एंड जी कार्यक्रम लॉन्च किया गया था. सभी छात्राओं को जीवन कौशल का प्रशिक्षण दिया गया. इसमें कविता भी शामिल थी. सलाह देने की कोई उम्र नहीं होती. कविता ने इसे आत्मसात कर जिंदगी में उतारा. जब स्कूल से घर वापस आयी, तो उसने अपने माता-पिता से अपनी बड़ी बहन की दोबारा शादी को लेकर विमर्श किया.

बड़ी बहन की परेशानी व बच्चे के भविष्य को लेकर समझाने का प्रयास किया. अंधविश्वास और रूढ़िवादी परंपरा के खिलाफ अपनों को राजी काफी मुश्किल था. माता-पिता ने बात सुनी, लेकिन उन्‍हें समाज का भय सता रहा था. कविता ने हार नहीं मानी. उसने परिजनों से बात करनी शुरू की. माता-पिता ने भी उसे सहयोग करना शुरू किया और आखिरकार मार्च 2017 में विधवा बहन की शादी हो गयी.

* जीवन कौशल का कमाल

सेव द चिल्ड्रेन (झारखंड) की कम्युनिकेशन एंड कैंपेन मैनेजर सौमी हलदर बताती हैं कि जीवन कौशल के प्रशिक्षण में बच्चियों को बाल अधिकार, लिंग भेद, घरेलू हिंसा, बाल विवाह और मानव तस्करी समेत अन्य मुद्दों को लेकर जागरूक किया जाता है. इससे बच्चियां अपने हक-अधिकार को लेकर मुखर हो जाती हैं. कविता की कामयाबी इसी की देन है.

* अब विधवाओं की होने लगी शादी : कविता

कविता कहती ह कि गर्मी की छुट्टियों में जब स्कूल से घर आती थी, तो दोस्तों को जीवन कौशल का प्रशिक्षण देती थी. इसका असर हुआ. अब गांव में बेझिझक विधवाओं की शादी होने लगी है. पहले ये असंभव था. इस कुप्रथा को खत्म करना आसान नहीं था, लेकिन जीवन कौशल के प्रशिक्षण ने उनके जीने का नजरिया ही बदल दिया. आज कई विधवा बहनें नया जीवन जी रही हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें