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बिहार में महिलाओं के लिए हो पर्याप्त बजट

पटना : बिहार में घरेलू हिंसा कानून अधिनियम 2005 लागू तो है, लेकिन इसका सही से कार्यान्वयन नहीं है. इस कानून को सही से प्रभावी बनाने के लिए सरकार को महिलाओं पर कम-से-कम 1.5 फीसदी बजट बनाना होगा, तभी महिलाओं को संरक्षण मिल पायेगा. वन स्टॉप सेंटर की बात करें या महिला थाना की या […]

पटना : बिहार में घरेलू हिंसा कानून अधिनियम 2005 लागू तो है, लेकिन इसका सही से कार्यान्वयन नहीं है. इस कानून को सही से प्रभावी बनाने के लिए सरकार को महिलाओं पर कम-से-कम 1.5 फीसदी बजट बनाना होगा, तभी महिलाओं को संरक्षण मिल पायेगा. वन स्टॉप सेंटर की बात करें या महिला थाना की या फिर हेल्प लाइन की, महिलाओं को समुचित न्याय नहीं मिल पाता है.
ये बातें महिला जागरण केंद्र की अध्यक्ष नीलू जी ने कहीं. शुक्रवार को महिला जागरण केंद्र और केयर इंडिया द्वारा आइएसए हॉल में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान नीलू जी ने कहा कि जब शराबबंदी पर अभियान चल सकता है, तो घरेलू हिंसा रोकने के लिए सरकार अभियान क्यों नहीं चला रही है.
इस मौके पर केयर इंडिया की लता ने बताया कि महिलाओं को तभी सशक्त किया जा सकता है, जब उन्हें पूरा अधिकार मिलेगा. घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को संरक्षण चाहिए. इसके लिए सरकार को बजट बनाना होगा. इस मौके पर निवेदिता झा ने बताया कि सभी जिलों में महिला थाना पंचायत स्तर पर होना चाहिए. इससे पीड़ता वहां तक पहुंच सके. बबीता श्रीवास्तव ने बताया कि अब भी काफी संख्या में महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं. कार्यक्रम में उर्मिला कर्ण, शैला परवीन, साजिना राहत, शिवानी चौधरी मौजूद थीं.

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