27.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

शहर में अब गिनती के बचे पीपल सहित अन्य बड़े पेड़

प्रमोद झा, पटना : शहर में पीपल, वट, नीम आदि जैसे बड़े पेड़ अब उंगलियों पर गिनती के लायक रह गये हैं. हालांकि वन विभाग को इसकी जानकारी नहीं है कि शहर में बड़े व पुराने पेड़ों की संख्या कितनी बची है. शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों, जिला समाहरणालय, पुराने सचिवालय जैसी जगहों पर कुछ […]

प्रमोद झा, पटना : शहर में पीपल, वट, नीम आदि जैसे बड़े पेड़ अब उंगलियों पर गिनती के लायक रह गये हैं. हालांकि वन विभाग को इसकी जानकारी नहीं है कि शहर में बड़े व पुराने पेड़ों की संख्या कितनी बची है. शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों, जिला समाहरणालय, पुराने सचिवालय जैसी जगहों पर कुछ दिखने के लिए मिलते हैं.

दर्जनों पेड़ आर-ब्लॉक-दीघा सड़क निर्माण की भेंट चढ़ गये. जो शहर के बीचाें-बीच थे. पहले भी बेली रोड, वीरचंद पटेल सड़क के चौड़ीकरण में हजारों पेड़ काटे गये.
वायुमंडल को स्वच्छ रखने में इन पेड़ों का योगदान अहम है. अनुमान है कि पीपल का वृक्ष एक घंटे में 1713 लीटर ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है. 2252 लीटर कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण कर अपना भोजन बनाता है. नीम, बरगद, तुलसी के पेड़ एक दिन में 20 घंटों से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं.
हाइकोर्ट से लगी थी फटकार : विकास के नाम पर बेली रोड, मीठापुर, न्यू बाइपास, दीघा, खगौल आदि इलाकों में हजारों की संख्या में पेड़ काटे गये. पिछले साल छोटे-बड़े पेड़ मिला कर पांच हजार से अधिक पेड़ काटे गये. पेड़ों के काटे जाने पर हाइकोर्ट ने भी फटकार लगायी थी.
जिस पेड़ में ज्यादा पत्तियां होती हैं, वह ज्यादा ऑक्सीजन बनाता है. कुछ छोटे पौधे में ‘केम’ पौधे भी ऑक्सीजन अधिक छोड़ते हैं.
डॉ मेहता नागेंद्र, पर्यावरणविद्
पेड़ों का सर्वे नहीं होने के कारण संख्या का रिकॉर्ड नहीं है. जिले में पौधारोपण का काम हो रहा है. इस साल अब तक 38 हजार पौधारोपण हुए हैं. निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई पर रोक लगायी गयी है.
डॉ एस कुमारासामी, पटना वन प्रमंडल के पदाधिकारी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें