Advertisement
ट्रीटमेंट सेंटर पर कम आ रहे टीबी के मरीज
पटना : टीबी के ट्रीटमेंट सेंटर पर इन दिनों मरीजों की संख्या काफी कम हो गयी है. एक लाख में महज 54 मरीज ही इलाज कराने आ रहे हैं. जबकि 217 मरीजों को आना चाहिए, यह चिंता का विषय है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण मरीजों में जागरूकता की कमी है. यह कहना है पीएमसीएच […]
पटना : टीबी के ट्रीटमेंट सेंटर पर इन दिनों मरीजों की संख्या काफी कम हो गयी है. एक लाख में महज 54 मरीज ही इलाज कराने आ रहे हैं. जबकि 217 मरीजों को आना चाहिए, यह चिंता का विषय है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण मरीजों में जागरूकता की कमी है.
यह कहना है पीएमसीएच के टीबी एवं चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ सुभाष चंद्र झा व रीच के पंकज सिंह बघेल का. टीबी सरवाइबर टू टीबी चैंपियन कैपिसिटी बिल्डिंग पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया.
इसका उद्घाटन बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने किया. वहीं सभा को संबोधित करते हुए मंगल पांडे ने कहा कि 2025 तक बिहार पूरी तरह से टीबी मुक्त हो जायेगा. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को जागरूक होना चाहिए और भेदभाव से परे होकर टीबी मरीजों के साथ व्यवहार करना होगा तभी टीबी की बीमारी जड़ से खत्म होगी.
हर साल 1400 टीबी के मरीजों की हो जाती है मौत : रीच (आरइएसीएच) संस्था के कवार्डिनेटर पंकज बघेल ने कहा कि यह आयोजन रीच व यक्ष्मा इकाई की ओर से किया गया. तीन दिवसीय इस सेमिनार में रोजाना 15 ऐसे टीबी के मरीज बुलाये जा रहे हैं जो बीमारी से जीत चुके हैं. बिहार में हर साल 1400 मरीजों की मौत हो रही है.
Advertisement