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हर तरफ गंदगी व यूरिन, आखिर कहां जाएं लोग
स्वच्छता पर ग्रहण. निगम के शौचालय और यूरिनल में गंदगी व अव्यवस्थाओं का अंबार पटना रेलवे स्टेशन के पास शीत शव गृह के पास यूरिनल की स्थिति बेहद खराब है. यूरिन सड़क तक फैला हुआ है. बिहार बोर्ड के पास निगम का डीलक्स शौचालय है भीतर शौचालय की सीट भी टूटी है. कलेक्ट्रेट जाने वाले […]
स्वच्छता पर ग्रहण. निगम के शौचालय और यूरिनल में गंदगी व अव्यवस्थाओं का अंबार
पटना रेलवे स्टेशन के पास शीत शव गृह के पास यूरिनल की स्थिति बेहद खराब है. यूरिन सड़क तक फैला हुआ है. बिहार बोर्ड के पास निगम का डीलक्स शौचालय है भीतर शौचालय की सीट भी टूटी है. कलेक्ट्रेट जाने वाले रास्ते में बना शौचालय बाहर से अच्छा दिखता है.
भीतर पानी के ड्रम लगाये गये हैं. अदालत गंज शौचालय में दरवाजा टूटा हुआ है. भीतर फर्श खराब है. कमला नेहरू नगर स्थिति शौचालय में सब कुछ टूट चुका है. मौर्या लोक बंदर बगीचा जाने वाले रास्ते में यूरिनल खराब है. लोग बाहर पेशाब करते हैं. बुद्ध मार्ग निगम के पुराने कार्यालय का यूरिनल भी खराब है.
पटना : पूरे देश में खुले में शौच मुक्त बनाने की मुहिम चली है. अपने शहर में नगर निगम इस मुहिम के तहत के काम कर रहा है. निगम की ओर से इस पर 65 सौ व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण किया जाना है. इसके अलावा 62 सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जाना है.
निगम ने टेंडर जारी कर दिया है. मगर शहर में दूसरी तरफ जितने सार्वजनिक शौचालय है, उसकी स्थिति भी ठीक नहीं है. व्यवस्था में खामियां तो इन प्रसाधनों में इतनी गंदगी है कि आम लोगों के जाने का सवाल भी नहीं उठता है. शौचालय व यूरिनल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. कहीं दरवाजा टूटा है,तो कहीं पानी का अभाव है. मंगलवार प्रभात खबर ने निगम के शौचालयों व यूरिनल के स्थिति की पड़ताल की. तो स्थिति बेहद खराब थी. एेसे में सवाल उठता है कि अगर सार्वजनिक शौचालयों के भीतर इतनी गंदगी है, तो आखिर बाहर कोई क्यों नहीं शौच करे.
मीठापुर बस स्टैंड
72 पहले से हैं, 62 और शौचालय बनाने की है योजना: नगर निगम में पहले से 72 शौचालय पहले से है. इसमें 15 डीलक्स शौचालय है. निगम ने इनको बंदोबस्त करा रखा है. निगम ने 62 अन्य सामुदायिक शौचालय बनाने के लिए टेंडर जारी हुआ है. इसमें निगम एक करोड़ सात लाख 26 हजार रुपये राशि खर्च कर रहा है. इसके अलावा 11 सौ मोबाइल शौचालय को लगाया जाना है.
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