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3500 से अधिक अवैध होर्डिंग 1500 को दिया गया नोटिस मामले को दबा कर

शहर में अवैध वसूली का चल रहा खेल पटना : शहर में अवैध होर्डिंग बैनर का कारोबार करोड़ों में है. लगभग सभी प्रमुख सड़कों से लेकर गलियां होर्डिंग व बैनर से पटी हैं. पहली बात को इससे शहर की सुंदरता खराब हो रही है. बड़े होर्डिंग सुरक्षा मानकों की सीधे तौर पर अवहेलना करते हैं. […]

शहर में अवैध वसूली का चल रहा खेल
पटना : शहर में अवैध होर्डिंग बैनर का कारोबार करोड़ों में है. लगभग सभी प्रमुख सड़कों से लेकर गलियां होर्डिंग व बैनर से पटी हैं. पहली बात को इससे शहर की सुंदरता खराब हो रही है. बड़े होर्डिंग सुरक्षा मानकों की सीधे तौर पर अवहेलना करते हैं. आंधी- तेज हवा में होर्डिंग गिरते हैं.
हादसा की संभावना बनी रहती है. वहीं दूसरी तरफ निगम को इससे आमदनी नहीं हो रही है. कोर्ट व नियमों के पेच का फायदा उठा कर करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है. इन अवैध करोबार पर निगम की कार्रवाई भी बस दिखावे की है. बीते दिनों नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव के लिखित निर्देश पर निगम ने पहले चरण में 3500 से अधिक अवैध होर्डिंग को चिह्नित किया था, लेकिन निगम ने लगभग 1500 के लगभग विज्ञापन कंपनियों को निगम ने नोटिस दिया और बेली रोड सहित कुछ इलाकों में अभियान चलाकर मामले को एक बार फिर से छोड़ दिया गया है.
जानकारों की मानें तो होर्डिंग में निगम की ओर से अवैध वसूली का भी पूरा खेल चलता है.
नयी विज्ञापन नियमावली सिर्फ कागज पर लागू
राज्य सरकार ने नवंबर 2013 में नये विज्ञापन एक्ट व नियमावली की स्वीकृत दिया था. नियमावली की अधिसूचना जारी होने के साथ-साथ गजट भी प्रकाशित हो गया है, लेकिन आज तक निगम क्षेत्र में नयी विज्ञापन नियमावली पर अमल नहीं हुआ. इसके बाद फिर से वर्ष 2017 दोबारा नयी विज्ञापन नीति भी लाया गया है.
इसमें भी सड़क वर्गीकरण कर नये रेट से विज्ञापन लगाया तय किया गया. निगम नये नियमावली में किये गये प्रावधान के तहत विज्ञापन एजेंसियों को निबंधित करना है और निबंधित एजेंसियां ही निगम क्षेत्र के चयनित स्थानों पर विज्ञापन होर्डिंग लगा सकता है. इसमें किस स्थान पर विज्ञापन की ऊंचाई, विज्ञापन बैनर की रंग और विज्ञापन की साइज आदि होगा, यह भी तय किया गया है. लेकिन, नये विज्ञापन नियमावली के तहत एक भी विज्ञापन एजेंसियां निबंधित नहीं हुई है.
पांच से सात करोड़ का नुकसान
निगम क्षेत्र में करीब 15 हजार सरकारी व निजी भूखंड/मकान पर विज्ञापन होर्डिंग लगी है. इसके अलावा सड़क के डिवाइडर पर एक पोल में तीन-तीन विज्ञापन बैनर लगाये गये हैं, जिसकी संख्या करीब पांच हजार से अधिक है. इतना ही नहीं, अस्थायी होर्डिंग के रूप में तोरणद्वार भी लगाये जाते हैं.
पूरा शहर अवैध होर्डिंग से पटा है
बाइपास जीरो माइल से लेकर कंकड़बाग मेन रोड, बेली रोड, अशोक राजपथ,बोरिंग रोड, बोरिंग कैनाल रोड सहित शहर के सभी मुख्य सड़कों पर सिर के ऊपर बड़े-बड़े होर्डिंग लटके नजर आते हैं. मगर इसकी गुणवत्ता की फिक्र किसी को नहीं होती.
आखिर 15 सौ के अलावा अन्य लोगों को नगर निगम ने नोटिस क्यों नहीं भेजा. जिन पर कार्रवाई हुई है, इससे निगम को कितना राजस्व मिला है. वहीं विज्ञापन हटाने के दौरान लोहा एंगिल व अन्य कबाड़ का क्या किया गया. इसकी जानकारी निगम के अधिकारी नहीं दे रहे हैं. इसको लेकर दो दिनों में अधिकारियों के साथ बैठक की जायेगी.
सीता साहू, मेयर

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