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आज से नगर निगम क्षेत्र में शुरू होगी टैंकर से जलापूर्ति

मेदिनीनगर : मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में शनिवार से टैंकर से जलापूर्ति शुरू हो जायेगी. इसके लिए निगम के कार्यपालक पदाधिकारी विनित कुमार ने टैंकर से जलापूर्ति के लिए संवेदक को कार्यादेश निर्गत कर दिया है. मालूम हो कि प्रभात खबर ने मेदिनीनगर नगर निगम इलाके में जल संकट को लेकर खबर प्रकाशित की थी, […]

मेदिनीनगर : मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में शनिवार से टैंकर से जलापूर्ति शुरू हो जायेगी. इसके लिए निगम के कार्यपालक पदाधिकारी विनित कुमार ने टैंकर से जलापूर्ति के लिए संवेदक को कार्यादेश निर्गत कर दिया है.

मालूम हो कि प्रभात खबर ने मेदिनीनगर नगर निगम इलाके में जल संकट को लेकर खबर प्रकाशित की थी, जिसमें अप्रैल माह बीत जाने के बाद भी टैंकर से जलापूर्ति नही होने की भी बात कही गयी थी. इसके बाद नगर निगम प्रशासन इस मामले में सक्रिय होकर तत्काल संवेदक को कार्यादेश निर्गत किया. जारी कार्यादेश में तीन मई से 15 जून तक टैंकर से जलापूर्ति करने का निर्देश दिया गया है.

मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में कुल 35 वार्ड है. इसमें कई वार्ड के इलाके ड्राइजोन के रूप में चिह्नित है. वैसे इलाकों में टैंकर से जलापूर्ति ही एक बड़ा सहारा है. पूर्व के वर्षों में अप्रैल माह में ही टैंकर से जलापूर्ति शुरू हो जाती थी. क्योंकि कई इलाके ऐसे हैं, जहां गरमी के दस्तक देते ही जल संकट शुरू हो जाता है.
स्थिति यह है कि गांव से जो लोग शहर में आकर रहते हैं, वह बच्चों के स्कूल की गरमी छुट्टी होने का इंतजार करते हैं, ताकि वह गांव जा सके. क्योंकि यहां जल संकट झेलना पड़ता है. अभी भी लोग शाम ढलने का इंतजार करते है. कई सभ्रांत घर के लोग चापानलों में लाइन लगाकर किसी तरह पानी की जुगाड़ करते हैं. मेदिनीनगर में पानी की समस्या काफी पुरानी हो
गयी है.
पहले ड्राइजोन के रूप में हमीदगंज व आबादगंज ही था. लेकिन अब धीरे-धीरे कई इलाके इसके जद में आ रहे है.सुदना पश्चिमी, सुदना पूर्वी, बैरिया, निमियां, बैंक कालोनी, बजराहा आदि इलाके भी ड्राइजोन हो चुके हैं. जो सामर्थ्यवान हैं, वह निजी टैंकरों से पानी लेकर अपनी जरूरत पूरी करते हैं और पीने के लिए जार का पानी लेते हैं. शहर में जार का पानी आसानी से उपलब्ध है. क्योंकि जैसे-जैसे जल संकट बढ़ा है, वैसे -वैसे पलामू में पानी का धंधा भी बढ़ा है. स्थिति यह है कि पानी लोगों के बजट में शामिल हो गया है.
पानी पर भी लोग अच्छा खासा पैसा खर्च करते हैं. मेदिनीनगर को पेयजल संकट से मुक्त कराने के लिए बनी वृहद शहरी जलापूर्ति योजना खुद फाइलों के भंवरजाल में उलझी हुई है. फेज वन का काम 2005 में पूरा हो चुका है. 14 वर्षों में फेज टू का काम पूरा नहीं हो सका. चूंकि मेदिनीनगर नगर पर्षद से प्रमोट होकर मेदिनीनगर नगर निगम बना है. इसलिए यह संभावना व्यक्त कि जा रही है कि फेज टू के काम को अब विस्तार रूप दिया जायेगा. अभी तक काम पूरा नहीं हुआ.
इधर जो नये इलाके निगम से जुड़े हैं, उन इलाकों में पाइप लाइन बिछाने के लिए सर्वे का काम शुरू हो चुका है. पूर्व में फेज टू का जो प्रस्ताव था वह 32 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाये जाने के साथ-साथ सात जल मीनार बनाने का था. इसमें दो जलमीनार का काम शुरू हुआ था, जो बीच में ही रुक गया.यह योजना जब स्वीकृत हुई थी, तब यह कहा गया था कि इसके पूरा होने पर मेदिनीनगर शहर को 50 वर्षों तक पानी की समस्या को झेलना नहीं पड़ेगा. लेकिन फेज वन का भी जैकवेल का काम पूरा नहीं हुआ.
अधूरे कार्य का ही उद्घाटन हो गया और 14 वर्षों से फेज टू का काम अधर में लटका हुआ है. ऐसे में टैंकर से जलापूर्ति ही एक बड़ा सहारा है शहरवासियों के लिए. जो अभी तक शुरू नहीं हुआ है. संवेदक चंचल मिश्रा का कहना है कि गुरुवार को निगम का कार्यादेश प्राप्त हुआ है. शनिवार से वह आपूर्ति शुरू कर देंगे.

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