मेदिनीनगर : पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी ने कहा कि संतों को किसी परिधि में बांधकर रखना उचित नहीं है. क्योंकि संतों की कोई जाति नहीं होती. संत पूरे समाज के लिए होते हैं. संत रविदास ने संपूर्ण समाज के लिए काम किया. इसलिए उनकी जयंती किसी दायरे में नहीं होनी चाहिए बल्कि इसमें सभी वर्गों की सहभागिता होनी चाहिए तभी संत के विचार जन-जन तक पहुंचेंगे और उसका अपेक्षित लाभ समाज को मिलेगा.
पूर्व स्पीकर श्री नामधारी संत रविदास जयंती समारोह में बोल रहे थे. इस समारोह का आयोजन बेलवाटिका स्थित संत रविदास आश्रम में किया गया था. झारखंड प्रांतीय रविदास महासभा ने जयंती समारोह का आयोजन किया. श्री नामधारी ने संत रविदास जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उदघाटन किया.
श्री नामधारी ने कहा कि संत रविदास के विचार आज भी प्रासंगिक है. उनके आदर्श जीवन एवं विचारों को अपनाने की जरूरत है. विधायक आलोक चौरसिया ने कहा कि संत रविदास के बताये रास्ते पर चलने से ही समाज का भला होगा. संत रविदास ने सामाजिक समरसता, आपसी प्रेम एवं सद्भाव का संदेश दिया है.
इस संदेश को आत्मसात करने से ही समता मूलक समाज का निर्माण होगा. जिला परिषद की अध्यक्ष प्रभा देवी ने कहा कि संत रविदास जी ने समाज के बेहतरी के लिए जो ज्ञान व संदेश दिया है उसे अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है. संतों के विचार सदा कल्याणकारी होते है.
इस बात को ध्यान में रखकर समाज के सभी वर्ग के लोगों को चाहिए कि वे संतों के विचारों को अपनाये और उसके आधार पर समाजहित में काम करें. बसपा के प्रदेश प्रभारी शत्रुघ्न कुमार शत्रु, पाटन मध्य के जिप सदस्य मुक्तेश्वर पांडेय, गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष इंदर सिंह ठकराल आदि ने संत रविदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. जयंती के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में राजमुनी व्यास व अन्य कलाकारों ने कई भजन व सोहर प्रस्तुत किये.
जबकि जीजीपीएस जमुने की छात्राओं ने संत रविदास के भजन को प्रस्तुत किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता महासभा के अध्यक्ष कन्हाई राम ने की . संचालन महासचिव संजय कुमार ने किया. इससे पहले शहर थाना रोड स्थित अांबेडकर पार्क से शोभायात्रा निकाली गयी. शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए शोभायात्रा बेलवाटिका पहुंची. गुरुद्वारा के पास गुरु सिंह सभा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष इंदर सिंह ठकराल व अन्य लोगों ने शोभायात्रा का स्वागत किया.
इसमें शामिल लोगों को जलपान कराया गया. इसके बाद शोभायात्रा संत रविदास आश्रम पहुंचा. लोगों ने संत रविदास की पूजा अर्चना की. इसे सफल बनाने में डॉ संजय कुमार, डॉ वीरेंद्र कुमार, प्रो. अजय राम, डॉ सीमा, डॉ भीम कुमार, उदय राम, भिखारी राम, नागेंद्र प्रसाद, मुनी राम, ददन राम, नागेंद्र सिंह, डॉ एसके रवि, मोती राम, सुदेश्वर राम, घनश्याम, संजीत कुमार, युगल किशोर राम, विनोद दास, लव आदि सक्रिय थे.