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नये साल में सरकार देगी पलामू, औरंगाबाद और जहानाबाद के किसानों को तोहफा, मंडल परियोजना से बदलेगी तसवीर

मेदिनीनगर : उत्तर कोयल जल विद्युत परियोजना मंडल का काम शुरू हो, यह पलामू प्रमंडल की पुरानी मांग रही है. जानकार बताते हैं कि जब मंडल परियोजना में काम शुरू हुआ था, तो मंडल के आसपास कॉलोनी बसी थी. इलाके में विकास का वातावरण तैयार हुआ था. आज भी मंडल में बनी कॉलोनी खंडहर के […]

मेदिनीनगर : उत्तर कोयल जल विद्युत परियोजना मंडल का काम शुरू हो, यह पलामू प्रमंडल की पुरानी मांग रही है. जानकार बताते हैं कि जब मंडल परियोजना में काम शुरू हुआ था, तो मंडल के आसपास कॉलोनी बसी थी. इलाके में विकास का वातावरण तैयार हुआ था. आज भी मंडल में बनी कॉलोनी खंडहर के रूप में तब्दील हो गयी.
पांच जनवरी से वहा फिर से रौनक लौटने वाली है. साहित्यकार प्रेमचंद के शब्दों में कहे तो खंडहर के भी दिन पलटते हैं और खंडहरों में भी दीपावली होती है. ठीक उसी तरह का वातावरण मंडल परियोजना को लेकर भी है.
मंडल परियोजना पर लगा ग्रहण छंटेगा. इसकी उम्मीद भी लोग छोड़ चुके थे. लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले में गंभीरता दिखायी और जिस काम से लोग ना उम्मीद हो चुके थे, उसमें उम्मीद जगी और योजना का काम शुरू करने का निर्णय लिया गया.
पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेदिनीनगर के चियांकी हवाई अड्डा से इस योजना की आधारशिला रखेंगे. यह भी एक संयोग मात्र है, जिस स्थान से प्रधानमंत्री श्री मोदी इस परियोजना की आधारशिला रखेंगे. उसका निर्माण भी मंडल परियोजना को लेकर ही किया गया था.
मेदिनीनगर के चियांकी में हवाई अड्डा भी उसी दौर में बना था, जब मंडल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. क्योंकि जिस स्थान पर हवाई अड्डा था, उसका अधिग्रहण सिंचाई विभाग ने ही किया था. बाद में इस भूमि का हस्तांतरण विमानन विभाग को हुआ है. मंडल में गेट लगे, इसे लेकर वर्षों तक संघर्षरत रहे.
पलामू के पूर्व सांसद जोरावर राम की माने तो एकीकृत बिहार में तत्कालीन मुख्यमंत्री कपूर्री ठाकुर के मंत्रित्वकाल में मंडल परियोजना की शुरुआत की गयी थी. उस समय 300 करोड़ का प्राक्कलन था. इससे पलामू के कुछ इलाके के साथ-साथ बिहार के औरंगाबाद, जहानाबाद आदि इलाके के किसानों को लाभ होगा. स्थानीय लोगों की माने तो इससे विकास का एक बेहतर वातावरण तैयार होगा और इलाके में बदलाव की शुरुआत होगी.
जो होगा लाभ
पनबिजली परियोजना से 24 मेगावाट बिजली मिलेगी
मंडल डैम में पानी रहने से पलामू के लाइफ लाइन कोयल नदी में सालोंभर पानी रहेंगे
मंडल और उसके आसपास के इलाके में विकास का बेहतर वातावरण तैयार होगा
परियोजना से रिश्ते बेहतरहोंगे : सांसद सुशील सिंह
बिहार के औरंगाबाद के सांसद सुशील सिंह का कहना है कि मंडल परियोजना का कार्य शुरू होने में जो भी विलंब हुआ, वह सब पूर्ववर्ती सरकार की देन है. क्योंकि इस मामले को इस तरह से कानूनी पेचदगी में फंसाकर रख दिया गया था कि काम होना मुश्किल लग रहा था.
लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा शक्ति के कारण 45 वर्षों से लटकी परियोजना पर काम शुरू होने जा रहा है. इस कार्य के माध्यम से प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा सिर्फ कहने में नहीं बल्कि करने में विश्वास रखती है. 2017 में ही केंद्रीय मंत्री परिषद ने 1622 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी थी.
एक सांसद के तौर पर इस कार्य को लेकर वर्ष 2009 से ही वह प्रयासरत थे. उन्होंने कहा कि मंडल परियोजन से बिहार व झारखंड के रिश्ते और मजबूत होंगे.इस परियोजना को मंजूरी मिले इसके लिए उनके साथ चतरा सांसद सुनील सिंह, पलामू सांसद वीडी राम, गया के सांसद हरी मांझी, राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह, डॉ आनंद कुमार ने एक टीम के रूप में काम किया.
बहुचर्चित मांग रही है : नामधारी
पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी चतरा के सांसद भी रहे हैं. सांसद रहते हुए उन्होंने भी मंडल परियोजना में काम शुरू हो, इसके लिए प्रयास किया था. यद्दपि सफलता नहीं मिली. मंडल परियोजना के संदर्भ में श्री नामधारी का कहना है कि मंडल परियोजना जरूरी है. इसका निर्माण होना चाहिए.
इस दिशा में केंद्र सरकार ने यदि पहले तत्परता दिखायी होती, तो अब तक यह परियोजना मूर्त रूप ले रहा होता. जिस वक्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शिलान्यास के लिए चुना है, वह वक्त उद्घाटन का होना चाहिए था.
क्योंकि अब लोकसभा चुनाव को लेकर उलटी गिनती शुरू हो गयी है. ऐसे समय में इस परियोजना का काम शुरू होना एक चुनावी स्टंट जैसा लग रहा है. क्योंकि सरकार के पास वक्त था, स्वयं प्रधानमंत्री दिलचस्पी ले रहे थे तो इस काम को दो तीन वर्ष पहले ही शुरू हो जाना चाहिए था.
ताकि यह पूरा होने की स्थिति में रहता. अब तो लगता है कि शिलान्यास के बाद टेंडर की प्रक्रिया पूरा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जायेगा. इसका लाभ बिहार को अधिक मिल रहा है या झारखंड को यह विषय नहीं है. इसका लाभ पलामू को भी मिलेगा इससे इंकार नही किया जा सकता.
युग परिवर्तन का है संकेत : ज्योतिरीश्वर
भाजपा किसान मोरचा के प्रदेश अध्यक्ष ज्योतिरीश्वर सिंह का कहना है कि मंडल परियोजना में काम शुरू होना पलामू प्रमंडलवासियों के लिए युग परिवर्तन जैसा है. क्योंकि पलामू प्रमंडल के लिए मंडल सिर्फ एक परियोजना नहीं है. बल्कि यह इलाके के लिए उम्मीद का सूरज है.
इस परियोजना का काम रूक जाने से उम्मीद का सूरज डूब सा गया था. मगर इस परियोजना के माध्यम से 2019 पलामू प्रमंडलवासियों के लिए विकास का एक नया सवेरा का संदेश लेकर आ रहा है. उन्होंने कहा कि भले ही लोगों की विचारधारा एक न हो.
लोगों के सोचने का तरीका अलग हो, लेकिन एक बात जरूर है कि यह उपलब्धि पलामू प्रमंडल के लिए बहुत बड़ी है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री रघुवर दास बधाई के पात्र है. इससे पलामू में विकास का बेहतर वातावरण तैयार होगा और एक नये युग की शुरुआत होगी.
तहले व कनहर से ही प्रमंडल का भला : भानु
भवनाथपुर विधायक भानु प्रताप शाही का कहना है कि मंडल परियोजना पर काम शुरू हो रहा है. इसकी खुशी है. क्योंकि इस परियोजना के साथ उनका भवनात्मक जुड़ाव है. 1970 में जब उनके पिता लाल हेमेंद्र प्रताप देहाती एकीकृत बिहार में विधायक थे, तब उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं को लेकर बिहार विधानसभा में अनशन किया था.
उसके बाद सरकार ने डॉ भीष्म नारायण सिंह (अब स्वर्गीय) के नेतृत्व में कमेटी बनी थी और उसमें तय हुआ था कि मंडल परियोजना बनेगी. इसलिए परियोजना का शिलान्यास हो रहा है. इसकी खुशी है.
लेकिन जहां तक पलामू प्रमंडल को अकाल व सुखाड़ से मुक्त करने की बात है, तो इसके लिए तहले और कनहर परियोजना कारगर होगी. उन्हें भरोसा है कि केंद्र व राज्य की सरकार मंडल के बाद तहले और कनहर परियोजना पर भी गंभीर होकर कार्य करेगी.

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