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ICJ से कुलभूषण मामले का फैसला सुनते मुंबई के परेल में खुशी की लहर, झूम उठे जाधव के दोस्त और रिश्तेदार

मुंबई : कुलभूषण जाधव मामले पर अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले का सांसें थाम कर इंतजार कर रहे जाधव के मित्र एवं संबंधी उस समय खुशी से झूम उठे, जब आईसीजे ने भारतीय नागरिक को एक पाकिस्तानी अदालत की ओर से सुनाए गए मृत्युदंड पर रोक लगा दी. आईसीजे के अध्यक्ष न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद […]

मुंबई : कुलभूषण जाधव मामले पर अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले का सांसें थाम कर इंतजार कर रहे जाधव के मित्र एवं संबंधी उस समय खुशी से झूम उठे, जब आईसीजे ने भारतीय नागरिक को एक पाकिस्तानी अदालत की ओर से सुनाए गए मृत्युदंड पर रोक लगा दी. आईसीजे के अध्यक्ष न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने जैसे ही अदालत का फैसला पढ़ा, कुलभूषण के मित्रों, संबंधियों और उनके गांव के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने राहत की सांस ली. आईसीजे ने राजनयिक पहुंच के जाधव के अधिकार की पुष्टि की और पाकिस्तान को निर्देश दिया कि वह जाधव की दोषसिद्धि और उन्हें सुनायी गयी सजा पर पुनर्विचार एवं इसकी समीक्षा करे.

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कुलभूषण जाधव का बचपन दक्षिण मुंबई के परेल में बीता था. वहां उनके मित्रों और संबंधियों ने जाधव के हक में फैसला आने की दुआ मांगते हुए आईसीजे की कार्यवाही का टीवी पर सीधा प्रसारण देखा. कुलभूषण के एक मित्र ने बताया कि उन्होंने एक टीवी का प्रबंध किया, ताकि सब साथ मिलकर आईसीजे का फैसला सुन सकें. आईसीजे के फैसला सुनाये जाने के बाद उन्होंने शांति के प्रतीक के तौर पर आकाश में गुब्बारे और कबूतर छोड़े. उन्होंने कहा, ‘हमने पटाखे नहीं चलाये, ताकि प्रदूषण न हो.’

कुलभूषण जाधव के मित्रों ने ऐसी टी-शर्ट पहनकर आईसीजे का फैसला टीवी पर देखा, जिन पर ‘इंडिया विद कुलभूषण’ (भारत कुलभूषण के साथ) लिखा था. उन्होंने आईसीजे का फैसला आने से पहले विशेष पूजा भी की. ‘आईसीजे के प्रसारण’ परिसर के बाहर कुलभूषण की तस्वीरों वाले बैनर लगे थे और कुछ बैनरों में उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गयी थी.

कुलभूषण जाधव के पिता सुधीर जाधव मुंबई के सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त हैं. कुलभूषण यादव के रिश्तेदार सुभाष जाधव भी सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त हैं. उन्होंने कहा, ‘हम खुश हैं कि फैसला हमारे हक में गया और हम अब कुलभूषण की भारत वापसी का इंतजार कर रहे हैं.’ सुभाष जाधव ने कहा, ‘आईसीजे के फैसले से हमारे मन को चैन मिला है. हम फैसले से खुश हैं, जो भारत के हक में है, लेकिन असली खुशी तभी होगी, जब वह घर लौटेंगे.’ उन्होंने कहा कि हमें देखना होगा कि पाकिस्तान आईसीजे के फैसले को कैसे लागू करता है. हम हमारे बेटे को सुरक्षित वापस चाहते है. वह निर्दोष हैं और हम उनके सुरक्षित होने की कामना कर रहे हैं.’

कुलभूषण के बचपन के दोस्त तुलसीदास पवार की पत्नी वंदना पवार ने कहा कि वह फैसले से ‘संतुष्ट हैं, लेकिन खुश नहीं हैं, क्योंकि कुलभूषण अब भी पाकिस्तान की हिरासत में हैं. उन्होंने कहा कि आईसीजे को उनके खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए उनकी तत्काल रिहाई का आदेश देना चाहिए था. हम नहीं जानते कि पाकिस्तान आईसीजे के आदेश का कैसे पालन करेगा और हम इसी के लिए चिंतित हैं.

परेल की पृथ्वीवंदन इमारत के निकट कुलभूषण के बैनर और पोस्टर लगाये गये, जहां उन्होंने बचपन बिताया था. ‘कुलभूषण हमारा नायक’ के पर्चे भी प्रदर्शित किये गये. सतारा जिला स्थित जाधव के मूल गांव जावली के लोगों ने पाकिस्तान की निंदा की और सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी की तत्काल रिहाई की मांग की. पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने कथित ‘जासूसी’ मामले में जाधव को मौत की सजा सुनायी थी.

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