नयी दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आने के बाद उत्तर प्रदेश में एक बार से चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी. यह तैयारी विधनासभा उपचुनाओं की होगी, जो भाजपा के विधायक और मंत्रियों के जीतने की सूरत में बनेगी. यूपी सरकार के चार मंत्री और तीन विधायक इस बार चुनाव मैदान में हैं. अगर इनकी जीत होती है तो इनकी सीटों पर छह महीने के भीतर उपचुनाव की संभावना है. इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
वह यूपी की अमेठी के अलावा केरल की वायनाड से भी चुनाव मैदान में हैं. अमेठी का परिणाम और वह किस सीट को बरकरार रखेंगे, इससे अमेठी की लोकसभा सीट पर उपचुनाव की स्थितियां तय होंगी. फिलहाल कांग्रेस में चर्चा है कि दोनों सीटें जीतने की सूरत में राहुल वायनाड सीट को बरकरार रखेंगे और अमेठी छोड़ देंगे. अगर ऐसा हुआ तो अमेठी में भी उपचुनाव संभव है.
यूपी सरकार के मंत्री बने लोकसभा प्रत्याशी
भाजपा ने कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी को इलाहाबाद से मैदान में उतारा है जबकि सत्यदेव पचौरी को कानपुर से मैदान में हैं. आगरा की सीट से एसपी सिंह बघेल प्रत्याशी हैं. विधायक मुकुट बिहारी वर्मा अंबेडकर नगर से चुनाव लड़ रहे हैं. और विधायकों में देखा जाए तो उपेंद्र रावत बाराबंकी से , राम कुमार पटेल(लखीमपुर खिरी) और संगम लाल गुप्ता चुनाव मैदान में हैं. अगर चुनाव परिणाम इनके पक्ष में आते हैं तो जाहिर है कि चुनाव आयोग को अगले छह महीने के भीतर इन सीटों पर उपचुनाव कराना होगा.
मंत्रीमंडल में फेरबदल संभव
भाजपा ने प्रदेश सरकार के चार कैबिनेट मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारा है. इन प्रत्याशियों के जीतने पर कैबिनेट मंत्री का पद इन्हें खाली करना होगा. सत्यदेव पचौरी के पास सूक्ष्म और लघु उद्योग विभाग के मंत्री हैं, जबकि रीता बहुगुणा जोशी के पास महिला कल्याण विभाग है. एसपी सिंह बघेल के पास मत्स्य विभाग है और मुकुट बिहारी वर्मा सहकारिता मंत्री हैं.