किस्को/लोहरदगा : किस्को प्रखंड क्षेत्र के लोगों को आज भी सही स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही है. प्रखंड क्षेत्र में डॉक्टरों एवं एएनएम की कमी के कारण कई स्वास्थ्य केंद्र एवं उपकेंद्र बंद पड़े हैं. इसमें खरकी पंचायत के छेछरा नवाडीह, स्वास्थ्य उपकेंद्र कशीयाडीह, उप केंद्र जोबांग एवं पतरातू स्वास्थ्य केंद्र डॉक्टरों की कमी के कारण बंद पड़ी है.
स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद होने के कारण पहाड़ी इलाके के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाती है. खरकी पंचायत में छेछरा नावाडीह में मौजूद उपकेंद्र कुछ दिनों तक चलाया गया. जिसके बाद एमटीसी खुलने पर एएनएम के कमी के कारण उपकेंद्र बंद करना पड़ा. वहां के ग्रामीणों का कहना है कि उपकेंद्र होने से उन्हें बहुत सुविधाएं मिलती थी. बीमार होने पर उन्हें दवाइयां मिल जाती थी. जिससे उन्हें किस्को आना नहीं पड़ता था.
जबकि बंद पड़ने से खरकी पंचायत के पहाड़ी इलाकों के लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लेकिन डॉक्टर एनएनएन कमी से सब समाप्त हो गया. वहीं पतरातू स्वास्थ्य केंद्र मानव संसाधन कमी के कारण शुरुआत ही नहीं हो पायी. सरकार द्वारा स्वास्थ्य केंद्र बना दिये गये हैं, परंतु उसे चालू नहीं किया जा रहा है. नाम मात्र के पैसा खर्च कर अस्पताल का ढांचा तैयार कर दिया गया है. वहीं छेछरा नवाडीह एवं जोबांग का भी यही हाल है. कुछ उप केंद्र हस्तगत ही नहीं हुआ है, तो कुछ हस्तगत के बाद बंद पड़ा है.
पूरे किस्को प्रखंड में 12 डॉक्टरों की आवश्यकता है जिसमें मात्र दो डॉक्टर ही हैं. जिन्हें 24 घंटे काम करने पड़ते हैं. डॉक्टरों को एमटीसी के अलावे सारे काम करने पड़ते हैं. किस्को के ही डॉक्टरों को पेशरार भी देखना पड़ता है. प्रखंड में 14 सब सेंटर के 9 उपकेंद्र में मात्र एक एएनएम रहने के कारण मीटिंग या ट्रेनिंग में आने से उप केंद्र बंद हो जाता है.
किस्को चिकित्सा प्रभारी का कहना है कि एएनएम की कमी के कारण उप केंद्र बंद पड़े हैं. सरकार द्वारा एएनएम एवं डॉक्टरों की कमी को पूरा कर दिया जाये तो उप केंद्र को चालू कर दिया जायेगा एवं लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से निजात मिल पायेगी. इस संबंध में प्रभारी डॉ दिलीप बेहरा ने बताया कि एएनएम की कमी एवं अन्य कर्मियों की कमी के कारण उप केंद्र को खोलने में परेशानी हो रही है. इसलिए इसे बंद कर दिया गया है.