रांची : अविभाजित बिहार के चुनावों में दक्षिण बिहार यानी वर्तमान झारखंड विधानसभा क्षेत्र की सीटों पर भारतीय जनसंघ (अब भाजपा) की दमदार उपस्थिति थी. 1967 के चुनाव में झारखंड (तब बिहार) की सीटों पर पार्टी को कामयाबी मिली.
इन चुनावों में जनसंघ ने बिहार की कुल 26 सीटें जीती थी. उनमें से विधानसभा की 11 सीटें वर्तमान झारखंड में हैं. पाकुड़ से बीएन झा, मधुपर से एके बनर्जी, देवघर से बी दास, दुमका से जी मरांडी, पोड़ैयाहाट से एम मुरमू, बड़कागांव से एम राम, सरायकेला से आरपी षाड़ंगी, खरसावां से डी मातिसाय, रांची से एनजी मित्रा, गुमला से आर उरांव व पांकी से आर राम भारतीय जनसंघ के टिकट पर बिहार विधानसभा पहुंचे थे. 1969 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी 303 सीटों पर लड़े थे और 34 सीट पर जीत हासिल की थी.
झारखंड क्षेत्र से जनसंघ को कुल 12 सीटें मिली थी. टुंडी से सत्यनारायण दूधानी, तमाड़ से अनिरूद्ध पातर, खिजरी से सुखारी उरांव, रांची से प्रो ननी गोपाल मित्रा, कांके से रामटहल चौधरी, सिमडेगा से गजाधर गौड़, गुमला से रोपना उरांव, सिसई से ललित उरांव, लातेहार से जमुना सिंह, पांकी से रामदेव राम, गढ़वा से गोपीनाथ सिंह और विश्रामपुर से जगेश्वर राम जीते थे.
1972 में भारतीय जनसंघ ने 270 सीटों पर चुनाव लड़ा. 25 पर जीत मिली. लेकिन, झारखंड क्षेत्र में पार्टी की सीटों की संख्या घट गयी. वर्तमान झारखंड से जनसंघ को आठ सीटें ही मिली.
मधुपुर से अजीत कुमार बनर्जी, महागामा से अवध बिहारी सिंह, जमुआ से रीतलाल प्रसाद वर्मा, बगोदर से के बसंत नारायण सिंह, हजारीबाग से रघुनंदन प्रसाद, बड़कागांव से महेश राम, जरीडीह से छत्रुराम महतो व कांके से रामटहल चौधरी ने पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की. इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनावों में भारतीय जनसंघ समेत सभी विपक्षी दलों के विलय के बाद जनता पार्टी बनी. झारखंड क्षेत्र में जनता पार्टी ने कुल 52 सीटों पर कब्जा जमाया था. इसके बाद 1980 में भारतीय जनता पार्टी बनी. इसी साल हुए चुनाव में भाजपा ने 246 सीटों पर उम्मीदवार दिये. 21 सीटों पर इसके प्रत्याशियों को जीत मिली. इनमें से 10 सीटें झारखंड क्षेत्र की थी.