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मजदूरों की हड़ताल खत्म, आज से पटरी पर लौटेगी सफाई व्यवस्था

गोपालगंज : नगर पर्षद के सफाई मजदूरों की हड़ताल गुरुवार को 20 वें दिन खत्म हो गयी. शाम से ही नगर पर्षद के कर्मियों ने शहर की सफाई शुरू कर दी. इससे शहरवासियों ने राहत महसूस की है. इनकी हड़ताल एक फरवरी से 20 दिन चली. इस बीच नगर में 550 टन कचरा जमा हो […]

गोपालगंज : नगर पर्षद के सफाई मजदूरों की हड़ताल गुरुवार को 20 वें दिन खत्म हो गयी. शाम से ही नगर पर्षद के कर्मियों ने शहर की सफाई शुरू कर दी. इससे शहरवासियों ने राहत महसूस की है. इनकी हड़ताल एक फरवरी से 20 दिन चली.

इस बीच नगर में 550 टन कचरा जमा हो गया है. हड़ताल खत्म करने के लिए नगर पर्षद द्वारा कई बार वार्ता की गयी. गुरुवार को सफाई मजदूरों और नगर पर्षद के पार्षदों के बीच एसडीओ उपेंद्र कुमार पाल, एसडीपीओ नरेश पासवान की उपस्थिति में वार्ता हुई और एसडीओ की पहल के बाद मजदूर काम पर आपस लौट गये. वार्ता के दौरान 31 मार्च तक पूर्व की भांति काम करने की बांतें तय हुईं.
मजदूर नियमित करने की मांग के साथ आउटसोर्सिंग की घोषित व्यवस्था का विरोध कर रहे थे. इधर हड़ताल खत्म होने के बाद शहर की सफाई होने की उम्मीद जग गयी है. हड़ताल की समाप्ति के बाद गुरुवार की शाम से ही अधिकांश सफाईकर्मी शहर की सफाई में लग गये. महाशिवरात्रि को लेकर शहर की सफाई के लिए तेजी बरती जा रही है. वार्ता बैठक में मुख्य पार्षद हरेंद्र चौधरी सहित एक दर्जन पार्षद और मजदूर नेता उपस्थित थे.
बोले मुख्य पार्षद
वार्ता के बाद सफाई मजदूरों की हड़ताल समाप्त हो गयी है. शहर में सफाई कार्य शुरू हो गया है. शुक्रवार की सुबह से कचरा हटाने का काम भी शुरू हो जायेगा. क्षतिग्रस्त वहानों की मरम्मत करायी जा रही है.
हरेंद्र कुमार चौधरी, मुख्य पार्षद, नप
जमा है 550 टन कचरा, लोगों को हो रही परेशानी
क्षतिग्रस्त वाहनों की मरम्मती करा रहा
नगर पर्षद क्षतिग्रस्त वाहनों की मरम्मती करा रहा है. शुक्रवार से विधिवत सफाई शुरू हो जानी है. ऐसे में यदि तीव्र गति से भी सफाई होती है तो कम-से-कम शहर को पूरी तरह से स्वच्छ होने में तीन दिन लग जायेंगे.
एक नजर शहर की सफाई पर
कुल वार्ड- 28
दैनिक मजदूर- 183
स्थायी मजदूर- 09
सफाई कार्य बंद- 01 फरवरी से
जमा कचरा- 450 टन
शहर की पूरी सफाई में लग जायेंगे तीन दिन
20 दिनों तक सफाई कार्य न होने से शहर की सड़कें और गलियां कूड़ादान बन गयी थीं. नगर पर्षद के सफाईकर्मी एक फरवरी से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर थे. उस दिन से शहर का सफाई कार्य पूरी तरह बंद था.
च नप की ओर वैकल्पिक व्यवस्था कर शहर में सफाई कार्य कराने का प्रयास किया गया, लेकिन हड़ताली कर्मचारियों ने विरोध करते हुए न सिर्फ काम को रोक दिया था, बल्कि नप के सफाई वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. हड़ताल से शहर में 550 टन से अधिक कचरा फैला है.
हड़ताली सफाईकर्मियों को प्रशासन ने दिलाया भरोसा
हड़ताली सफाई कर्मियों का मांग था कि आउटसोर्सिंग के तहत काम नहीं हो सके. इस पर एसडीओ ने कहा कि मार्च तक सरकार ने रोक लगा दी है.
उसके बाद सरकार के आदेश के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. पीएफ कटौती की जानकारी नहीं मिलने की मांग पर एसडीओ ने 10 दिनों की मोहलत देते हुए नगर पर्षद को निर्देश दिया कि आप सभी कर्मियों का पीएफ डिटेल उपलब्ध करायेंगे. तीसरी मांग थी कि हड़ताल अवधि का वेतन दिया जाये. प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि नो वर्क नो पे के हिसाब से ही काम होता है. इस पर सफाईकर्मी मान गये.

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