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धनबाद : खेल जगत में उत्कृष्टता के साथ शुद्धता भी होनी चाहिए
चिंतन सत्र में बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत. एक विचार से एक लक्ष्य की ओर बढ़ने वाले को ही सफलता मिलती है धनबाद : संगठन में ही शक्ति है. यही सफलता का मूल मंत्र है. क्षेत्र चाहे खेल का हो या राजनीति का. संगठित हो कर ही आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं. […]
चिंतन सत्र में बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत. एक विचार से एक लक्ष्य की ओर बढ़ने वाले को ही सफलता मिलती है
धनबाद : संगठन में ही शक्ति है. यही सफलता का मूल मंत्र है. क्षेत्र चाहे खेल का हो या राजनीति का. संगठित हो कर ही आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं.
ये बातें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने शनिवार को राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में चल रहे क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन चिंतन सत्र को संबोधित करते हुए कही.
कहा कि चिंतन करना है तो पहली शर्त यह है चिंतन मन में होता है, तो मौन पालन करना पड़ता है. चिंतन एक सूत्र में करना पड़ता है. एक विषय पकड़ कर चिंतन करना पड़ता है. क्रीड़ा भारती के कार्यकर्ता कार्य का चिंतन करेंगे, उस कार्य में हम कहां है उसकी चिंता करेंगे.
लक्ष्य तय करें, पूरी होने तक प्रयास करें : संघ प्रमुख बोले खिलाड़ी अपना लक्ष्य स्पष्ट करें, विचार स्पष्ट करें और जो यह करते हैं उसमें अनुशासन होता है. जो भीड़ में नहीं होता. भीड़ दिखती तो है बाजार में, लेकिन सब का अपना अलग-अलग एजेंडा है.
एक विचार से एक लक्ष्य की ओर बढ़ने वाले को ही सफलता मिलती है. कहा देश को खेल जगत में दुनिया में उत्कृष्ट बनाना है. लेकिन उत्कृष्ट बनने के लिए कई खिलाड़ी कई तरह के उपाय करते हैं. लेकिन हमें मेहनत के भरोसे उत्कृष्ट बनना है. खेल जगत में उत्कृष्टता के साथ शुद्धता होनी चाहिए. खेल में जीतना सभी चाहते है, हमारे यहां भी जीतने को उत्कृष्ट मानते हैं, लेकिन यह जीत एक व्यक्ति के लिए नहीं, पूरी टीम के लिए होनी चाहिए. और जीतने के लिए कुछ भी करें ऐसा नहीं होना चाहिए.
सभी प्रांत प्रमुख ने पेश किया लेखा-जोखा
राजकमल स्कूल के भव्य पंडाल में पूरे देश भर से आये क्रीड़ा भारती के प्रांत प्रमुख ने अपने-अपने प्रांत में चलने वाले क्रीड़ा भारती के एक-एक कार्यक्रम का लेखा-जोखा पेश किया. इस दौरान मंच पर आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत, राष्ट्रीय अध्यक्ष क्रीड़ा भारती चेतन चौहान, राज चौधरी व अन्य उपस्थित थे.
कार्यक्रम में सबसे पहले आंध्र प्रदेश के चंद्र शेखर ने अपने प्रांत की जानकारी दी, उसके बाद गुजरात, महाराष्ट्र क्षेत्र के प्रसन्न दास, राजस्थान के मेघ सिंह, जम्मू, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा व दिल्ली की जानकारी दर्पण सिंह कालिया ने दी, पश्चिम उत्तर प्रदेश के डॉ विकास अग्रवाल, झारखंड बिहार व पूर्वी उत्तर प्रदेश की जानकारी संजय तिवारी, सिक्किम कोलकाता की जानकारी मधुमय सांत व असम की जानकारी निर्मला जी ने दी.
इस दौरान सभी प्रांत प्रमुख ने एक-एक खेल व गतिविधियों की जानकारी दी. इसमें खेल दिवस, क्रीड़ा ज्ञान परीक्षा का आयोजन, क्रीड़ा केंद्र संचालन, योग दिवस, स्थापना दिवस का कार्यक्रम, जीजा बाई पुरस्कार, सूर्य नमस्कार सहित अन्य की जानकारी दी गयी.अगले साल क्या-क्या गतिविधियां रहेंगी, इसके बारे में भी बताया.
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