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झारखंड : रिटायरमेंट से पांच साल पहले 5000 रुपये की लालच में जेल पहुंचे SI लक्ष्मण वान सिंह

धनबाद : झारखंड में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने एक रिश्वतखोर सब इंस्पेक्टर को घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. सब इंस्पेक्टर लक्ष्मण वान सिंह धनबाद जिला के धनसार थाना में पदस्थापित है. एसीबी की टीम ने गुरुवार की सुबह यह कार्रवाई की. वर्ष 2019 में एसीबी धनबाद का यह दूसरा ट्रैप […]

धनबाद : झारखंड में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने एक रिश्वतखोर सब इंस्पेक्टर को घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. सब इंस्पेक्टर लक्ष्मण वान सिंह धनबाद जिला के धनसार थाना में पदस्थापित है. एसीबी की टीम ने गुरुवार की सुबह यह कार्रवाई की. वर्ष 2019 में एसीबी धनबाद का यह दूसरा ट्रैप है.

जानकारी के अनुसार, अपहरण के एक मामले के जांच पदाधिकारी लक्ष्मण वान सिंह ने केस को मजबूत करने के लिए अमरनाथ सिंह से 5,000 रुपये की मांग की थी. गुरुवार की सुबह एसआइ रिश्वत की पहली किस्त ले रहे थे. रिश्वत लेते समय ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

अपहरण का एक मुकदमा (कांड संख्या 8/19) धनसार थाना में दर्ज है. इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. शिकायतकर्ता अमरनाथ चाहता था कि तीनों आरोपियों के खिलाफ इतना मजबूत केस बने कि वह जेल से बाहर न आ सके. इसी एवज में सब इंस्पेक्टर ने रिश्वत की मांग की थी.

अमरनाथ ने इसकी शिकायत एसीबी में कर दी. शिकायत की जांच के बाद एसीबी ने एसआइ लक्ष्मण मान सिंह की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया. एसआई ने 5000 रुपये देने के लिए अमरनाथ को थाना के सामने वाली विजय टी स्टॉल पर बुलाया. सादे वर्दी में वहां पहले से तैनात एसीबी के अधिकारियों ने एसआई को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.

ज्ञात हो कि गिरफ्तार एसआई इसके पहले राजगंज में पदस्थापित थे. धनबाद में इन्होंने लगभग दो महीने पहले योगदान दिया था. समाचार लिखे जाने तक एसीबी की टीम लक्ष्मण वान सिंह को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गयी.

क्या है मामला

धनबाद जिला के धनसार थाना अंतर्गत सा. 147/सी, रेलवे कॉलोनी, पुराना स्टेशन के रहने वाले अमरनाथ सिंह के बेटे का 12 जनवरी को अपहरण हो गया. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उनके बच्चे को अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त करा लिया. इस मामले में तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

मामले की जांच पुलिस अवर निरीक्षक लक्ष्मण वान सिंह को सौंपी गयी. उन्होंने 12 जनवरी को दर्ज कांड संख्या 8/19 में 164 के तहत बयान दर्ज कराने से लेकर टीआइ परेड कराने एवं सभी गवाहों के बयान रजिस्टर में अंकित करने के लिए 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी. अमरनाथ सिंह ने रिश्वत देने से इन्कार कर दिया. अंतत: एसआइ ने 5,000 रुपये में डील फाइनल कर ली.

शिकायतकर्ता रिश्वत देने के लिए तैयार नहीं था. सो, उसने एसीबी में लिखित शिकायत की. अमरनाथ सिंह की शिकायत पर धनबाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 13 फरवरी, 2019 को केस (कांड संख्या 2/19) दर्ज कर लिया. इसके बाद जांच अधिकारी पुलिस निरीक्षक विनोद कुमार पासवान ने लक्ष्मणवान सिंह की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया. 14 फरवरी को पश्चिमी सिंहभूम जिला के चक्रधरपुर थाना अंतर्गत सिलफोड़ी गांव के रहने वाले लक्ष्मणवान सिंह (55) को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया.

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