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राफेल सहित विभिन्न मुद्दों पर दोनों सदनों में हंगामा, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित

नयी दिल्ली : संसद के दोनों सदनों में राफेल विमान सौदा सहित विभिन्न मुद्दों पर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष का हंगामा मंगलवार को भी जारी रहा. हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही एक-एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. इस वजह से दोनों सदनों में मंगलवार को […]

नयी दिल्ली : संसद के दोनों सदनों में राफेल विमान सौदा सहित विभिन्न मुद्दों पर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष का हंगामा मंगलवार को भी जारी रहा. हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही एक-एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. इस वजह से दोनों सदनों में मंगलवार को भी प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हो सके.

सुबह लोकसभा की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस सदस्य राफेल मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग और अन्नाद्रमुक सदस्य कावेरी नदी पर बांध का निर्माण रोकने की मांग करते हुए आसन के समीप आ गये. तेदेपा सदस्य भी आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए आसन के पास आ गये. सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्य राफेल मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले की पृष्ठभूमि में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे. सदन में हंगामा को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे शुरू हुई तो स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही. शोरगुल के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये. उन्होंने सदन में व्यवस्था बनाने की अपील करते हुए कहा कि संसद चर्चा के लिए है और सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि सदन में हंगामा करना सही तरीका नहीं है और इससे अच्छा संदेश नहीं जाता है.

सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राफेल मामले पर जेपीसी के गठन की मांग दोहराते हुए कहा कि सरकार को यह मांग स्वीकार करनी चाहिए और उच्चततम न्यायालय में उल्लेखित कैग रिपोर्ट जेपीसी के समक्ष आनी चाहिए तथा विमानों के मूल्य तथा दूसरे दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ हो गया है और सरकार राफेल मामले पर चर्चा के लिए तैयार है. इसके बाद भी सदन में नारेबाजी जारी रही और लोकसभा अध्यक्ष ने दोपहर करीब 12:20 बजे बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.

राज्यसभा में भी राफेल सहित अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों ने भारी हंगामा किया. इस वजह से सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर करीब पांच मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. सुबह बैठक शुरू होने पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने राफेल विमान सौदे का मुद्दा उठाया और सरकार पर उच्चतम न्यायालय और संसद को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि देश सच जानना चाहता है. आजाद ने कहा, हम कई मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं. कार्य मंत्रणा समिति में सहमति भी बनी थी. हमने विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिया है. इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि वह नोटिस पर अभी विचार कर रहे हैं.

संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कांग्रेस पर राफेल विमान सौदे के मुद्दे पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है, जबकि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है. गोयल ने कहा, कांग्रेस को अदालतों से हाल ही में दो-दो बड़े झटके लगे हैं. दोनों मुद्दों पर कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए. सत्ता पक्ष के सदस्यों ने गोयल से सहमति जतायी, वहीं कांग्रेस सदस्यों ने इसका विरोध किया. इस बीच, अन्नाद्रमुक और द्रमुक के सदस्य कावेरी डेल्टा क्षेत्र के किसानों की समस्याओं का मुद्दा उठाते हुए आसन के समक्ष आ गये. आंध्रप्रदेश के सदस्यों ने अपने प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठायी और आसन के समक्ष आ कर नारे लगाने लगे. सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि महंगाई, कृषि संकट सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए उन्हें नोटिस मिले हैं. कुछ नोटिस उन्होंने स्वीकार कर लिये हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें विपक्ष की ओर से विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी मिला है जिस पर वह विचार कर रहे हैं. उन्होंने सदस्यों से कार्यवाही चलने देने की अपील की, लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा और उन्होंने 11 बज कर करीब 10 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जब कार्यवाही फिर शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा. सत्ता पक्ष द्वारा राफेल मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी की मांग के विरोध में कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद सत्ता पक्ष की तरफ से भी नारेबाजी शुरू हो गयी. सभापति नायडू ने दोनों पक्षों से शांति बनाये रखने और गज एवं तितली चक्रवात से हुए नुकसान पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने की अपील की. इसी बीच कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने व्यवस्था के प्रश्न के नाम पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल द्वारा दिये गये एक बयान की ओर आसन का ध्यान दिलाया. उन्होंने कहा कि मंत्री ने अपने बयान में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिया है जो दूसरे सदन के सदस्य हैं.

शर्मा ने कहा कि सदन के नियमों के तहत दूसरे सदन के सदस्यों का नाम इस सदन में नहीं लिया जा सकता. हालांकि, उनकी आपत्तियों को खारिज करते हुए सभापति ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने को कहा. इसी बीच सत्ताधारी पार्टी के साथ ही कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. वहीं, अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर नारेबाजी शुरू कर दी. सभापति ने इस पर अप्रसन्नता जताते हुए कहा कि चक्रवाती तूफानों में कई लोगों की मौत हो गयी, किसानों को नुकसान हुआ, कई राज्यों के लोग इससे प्रभावित हुए हैं. लेकिन, आपकी दिलचस्पी इतने अहम मुद्दे पर चर्चा करने में नहीं है. बहरहाल, सदन में व्यवस्था बनते नहीं देख नायडू ने दोपहर दो बजकर करीब पांच मिनट पर कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.

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