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जानें, मोदी के अमेरिकी दौरे से भारत को क्‍या हासिल हुआ ?

नयी दिल्‍ली /वाशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिनों की विदेश दौरे के दूसरे चरण में अमेरिका पहुंचे. यहां पहुंचने के साथ ही ट्रंप के साथ उनकी मुलाकात की चर्चा जोर पकड़ने लगी. ऐसा इसलिए क्‍योंकि यह दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात थी. मोदी 25 को अमेरिका पहुंचे. वाशिंगटन पहुंचते ही अमेरिका मानो […]

नयी दिल्‍ली /वाशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिनों की विदेश दौरे के दूसरे चरण में अमेरिका पहुंचे. यहां पहुंचने के साथ ही ट्रंप के साथ उनकी मुलाकात की चर्चा जोर पकड़ने लगी. ऐसा इसलिए क्‍योंकि यह दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात थी.

मोदी 25 को अमेरिका पहुंचे. वाशिंगटन पहुंचते ही अमेरिका मानो मोदी मय हो गया. चारों तरफ मोदी-मोदी के नारे गूंजने लगे. राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने भी मोदी के अमेरिकी धरती में पहुंचे से पहले ही ट्वीट कर उनका स्‍वागत किया और अपना सच्‍चा मित्र बताया.

बहरहाल दोनों नेताओं के बीच कल रात मुलाकात हुई. पाकिस्‍तान प्रायोजित आतंकवाद, असैन्‍य परमाणु समझौते, आतंकवाद से साझा लड़ाई और आर्थिक मोरचे पर रिश्‍ते जैसे कई मुद्दों पर दोनों ने चर्चा की. आइये जानते हैं दोनों के बीच मुलाकात की खास बातें.

1. हिजबुल चीफ सलाहुद्दीन ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात से ठीक पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित कर पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया.

सलाहुद्दीन भारत के टॉप मोस्ट वांटेड आतंकियों में से एक है और पीओके से कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को संचालित करता है. पिछले दिनों उसने जम्मू-कश्मीर को भारतीय सैनिकों का कब्रगाह बनाने का एलान किया था. भारत ने अमेरिकी सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह बताता है कि दोनों देश आतंकवाद के खतरे को एक समान महसूस कर रहे हैं.

अमेरिका ने सलाहुद्दीन का नाम विशेष रूप से नामित उन विदेशी व्यक्तियों की सूची में डाला है, जिन्होंने आतंकवादी वारदात को अंजाम दिया हो या जिनसे आतंकवादी खतरा हो. कोई भी अमेरिकी व्यक्ति सलाहुद्दीन से किसी तरह का लेन-देन नहीं कर सकेगा और अमेरिका में सलाहुद्दीन की संपत्ति जब्त हो जायेगी.

2. आतंकी समूहों पर लगाम लगाए पाकिस्तान

भारत और अमेरिका ने जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा और डी-कंपनी जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ सहयोग को दृढ करने का संकल्प लिया और पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अन्य देशों के खिलाफ आतंकी हमलों में उसकी जमीन का इस्तेमाल न हो.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बातचीत के बाद जारी साझा वक्तव्य में दोनों देशों ने इस्लामाबाद से कहा कि वह ‘ ’26…11 मुंबई आतंकी हमले, पठानकोट हमले और पाकिस्तान आधारित आतंकी समूहों द्वारा जिन आतंकी हमलों को अंजाम दिया गया है, उनके दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाए. ‘ ‘ विदेश सचिव एस जयशंकर ने संवाददाताओं को बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि ट्रंप और मोदी के बीच पूरे दिन जो बातचीत हुई, उसमें आतंकवाद निरोध प्रमुख मुद्दा था.

पाकिस्तान के संदर्भ में उन्होंने कहा कि पडोसी पाकिस्तान की धरती से आतंकी समूहों द्वारा सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर दिया गया साझा वक्तव्य स्पष्ट था. जयशंकर ने कहा ‘ ‘पाकिस्तान के मुद्दे पर स्पष्ट और विस्तृत चर्चा हुई. कुछ मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. ‘ ‘ पाकिस्तान पर और कड़े संदर्भ में जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच विस्तार से चर्चा हुई, मसलन ‘इसका केंद्र क्या है ‘ और यह क्षेत्र को किस तरह प्रभावित कर रहा है, खासकर दक्षिण एशियाई क्षेत्र को जहां भारत स्थित है.

3. व्हाइट हाउस में पत्नी संग ट्रंप ने किया जोरदार स्वागत

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देर रात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में मिले. दोनों के बीच यह पहली मुलाकात थी और इस दौरान ट्रंप ने अपनी पत्नी मेलानिया के साथ मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया. दोनों नेताओं के बीच रक्षा एवं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच करीब 20 मिनट तक बातचीत हुई. इसके बाद मोदी ने साथ-साथ डिनर भी किया.

4. 22 ड्रोन मिलेंगे : अमेरिका के विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इसमें आतंकवाद से मुकाबले में अमेरिका और भारत के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई. टिलरसन के साथ मुलाकात में रणनीतिक क्षेत्र और आर्थिक सहयोग के मुद्दे छाये रहे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरे विश्व की नजर साझेदारी पर है. मोदी ने साझेदारी को प्रोत्साहित करने के लिए अमेरिका के साथ काम करने की भारत की इच्छा जतायी. प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत सभी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है जिसमें उसके पड़ोसी देश भी शामिल हैं. प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि उसके पड़ोसी उनके मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास ‘ के तहत भारत जैसी ही प्रगति करें.

5. भारत अमेरिका मजबूत साझेदार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच कूटनीतिक संबंध अकाट्य तर्क पर आधारित हैं. दुनिया को आतंकवाद , कट्टरपंथी विचारधारा और गैर पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियों से सुरक्षित बनाने में दोनों देशों के हित जुड़े हैं. वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक विचार में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि अनिश्चित नजर आ रहे वैश्विक परिदृश्य में भारत और अमेरिका विकास और नवोन्मेष के साझा मजबूत इंजनों की तरह खड़े हैं. उन्होंने कहा, एक साल बाद, मैं अमेरिका लौटा हूं. दोनों देशों के बीच मेलजोल बढ़ने का मुझे विश्वास है. जब भी भारत और अमेरिका मिल कर काम करते हैं तो विश्व को उससे फायदा मिलता है.

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