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पीएम मोदी ने ”मन की बात” को दिया दो महीने का ब्रेक, कहा- लोकसभा चुनाव के बाद फिर लौटूंगा

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 53वीं बार रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मन की बात’ शुरू करते हुए आज मन भरा हुआ है. 10 दिन पूर्व, भारत-माता ने अपने वीर सपूतों को खो दिया. पुलवामा के आतंकी हमले में, वीर जवानों की शहादत के बाद […]

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 53वीं बार रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मन की बात’ शुरू करते हुए आज मन भरा हुआ है. 10 दिन पूर्व, भारत-माता ने अपने वीर सपूतों को खो दिया. पुलवामा के आतंकी हमले में, वीर जवानों की शहादत के बाद देश-भर में लोगों को और लोगों के मन में, आघात और आक्रोश है. उन्होंने कहा कि भारत-माता की रक्षा में, अपने प्राण न्योछावर करने वाले, देश के सभी वीर सपूतों को, मैं नमन करता हूं. यह शहादत, आतंक को समूल नष्ट करने के लिए हमें निरन्तर प्रेरित करेगी, हमारे संकल्प को और मजबूत करेगी.

पीएम मोदी ने कहा कि देश के सामने आयी इस चुनौती का सामना, हम सबको जातिवाद, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद और बाकि सभी मतभेदों को भुलाकर करना है ताकि आतंक के खिलाफ़ हमारे कदम पहले से कहीं अधिक दृढ़ हों, सशक्त हों और निर्णायक हों. वीर सैनिकों की शहादत के बाद, मीडिया के माध्यम से उनके परिजनों की जो प्रेरणादायी बातें सामने आयी हैं उसने पूरे देश के हौंसले को और बल दिया है.

उन्होंने कहा कि शहीदों के हर परिवार की कहानी, प्रेरणा से भरी हुई हैं. मैं युवा-पीढ़ी से अनुरोध करूंगा कि वो, इन परिवारों ने जो जज़्बा दिखाया है, जो भावना दिखायी है उसको जानें, समझने का प्रयास करें.पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के इतने लम्बे समय तक, हम सबको, जिस warmemorial का इन्तजार था. मैंने निश्चय किया कि देश में, एक ऐसा स्मारक अवश्य होना चाहिये. मुझे विश्वास है ये देशवासियों के लिए राष्ट्रीय सैनिक स्मारक जाना किसी तीर्थ स्थल जाने के समान होगा. राष्ट्रीय सैनिक स्मारक स्वतंत्रता के बाद सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है.

मुझे आश्चर्य होता था कि भारत में कोई National WarMemorial नहीं था. मैंने निश्चय किया कि देश में एक ऐसा स्मारक अवश्य होना चाहिये. कल यानी 25 फरवरी को हम इस को करोड़ों देशवासी और सेना को सौंपेंगे. यह कर्ज चुकाने का छोटा सा प्रयास है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का डिजाईन, हमारे अमर सैनिकों के अदम्य साहस को प्रदर्शित करता है. राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का concept, Four Concentric Circles यानी चार चक्रों पर केंद्रित है- अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र, रक्षक चक्र.अक्टूबर 2018 में मुझे National Police Memorial को देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला था. वह भी हमारे उस विचार का प्रतिबिम्ब था जिसके तहत हम मानते हैं कि देश को उन पुरुष, महिला पुलिसकर्मियों के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए जो अनवरत हमारी सुरक्षा में जुटे रहते हैं. मैं आशा करता हूं कि आप राष्ट्रीय सैनिक स्मारक और National Police Memorial को देखने जरुर जायेंगे. आप जब भी जाएं वहां ली गयी अपनी तस्वीरों को Social Media पर अवश्य शेयर करें ताकि दूसरें लोग इस मेमोरियल को देखने के लिए उत्सुक हों.

उन्होंने कहा कि मन की बात के लिए आपके हजारों पत्र और कमेंट, मुझे पढ़ने को मिलते हैं. इस बार आतिश मुखोपाध्याय ने लिखा, वर्ष 1900 में 3 मार्च को, अंग्रेजों ने बिरसा मुंडा को गिरफ्तार किया था ये संयोग ही है कि 3 मार्च को ही जमशेदजी टाटा की जयंती भी है.इस कार्यक्रम में ‘बिरसा मुंडा’ और ‘जमशेदजी टाटा’ को श्रद्धांजलि देने का एक प्रकार से झारखण्ड के गौरवशाली इतिहास और विरासत को नमन करने जैसा है. आज, अगर हमारे नौजवानों को मार्गदर्शन के लिए किसी प्रेरणादायी व्यक्तित्व की जरुरत है तो वह है भगवान बिरसामुंडा. भगवान ‘बिरसा मुंडा’ ने अंग्रेजों से ना केवल राजनीतिक आज़ादी के लिए संघर्ष किया बल्कि आदिवासियों के सामाजिक और आर्थिक अधिकारों के लिए भी लड़ाई लड़ी.

उन्होंने कहा कि जमशेदजी टाटा ने देश को बड़े-बड़े संस्थान दिए हैं. वे जानते थे कि भारत को sci, tech, industry का हब बनाना भविष्य के लिए आवश्यक है. ये उनका ही विजन था जिससे Tata Institute of Science की स्थापना हुई, Tata Steel जैसे कई विश्वस्तरीय संस्थान, उद्योगों की स्थापना हुआ.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का जन्म 29 फरवरी को हुआ था. सहज, शांतिपूर्ण व्यक्तित्व के धनी, मोरारजी भाई देश के सबसे अनुशासित नेताओं में से थे. मोरारजी देसाई ने उस कठिन समय में भारत का कुशल नेतृत्व किया, जब देश के लोकतान्त्रिक ताने-बाने को खतरा था. इसके लिए हमारी आने वाली पीढ़ियां भी उनकी आभारी रहेंगी. मोरारजी देसाई ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए आपातकाल के खिलाफ आन्दोलन में खुद को झोंक दिया.

उन्होंने कहा कि 1977 में जब जनता पार्टी चुनाव जीती तो मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री बने. उनके कार्यकाल के दौरान ही 44वां संविधान संशोधन लाया गया. यह महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि emergency के दौरान जो 42वां संशोधन लाया गया था. 42वें संशोधन में यह भी प्रावधान किया गया कि संविधान के अनुछेद 20, 21 के तहत मिले मौलिक-अधिकारों का आपातकाल के दौरान हनन नहीं किया जा सकता है. पहली बार ऐसी व्यवस्था की गयी कि मंत्रिमंडल की लिखित अनुशंसा पर ही राष्ट्रपति आपातकाल की घोषणा करेंगे. भारतीय लोकतंत्र के महात्म्य को बनाए रखने में उनके अमूल्य योगदान को, आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी. एक बार फिर ऐसे महान नेता को मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

पीएम मोदी ने कहा कि हर साल की तरह इस बार भी Padma Awars को लेकर लोगों में बड़ी उत्सुकता थी आज हम एक New India की ओर अग्रसर हैं. इसमें हम उन लोगों का सम्मान करना चाहते हैं जो grass-root level पर अपना काम निष्काम भाव से कर रहे हैं.

padma awards की चर्चा

padma awards पाने वाले ये हैं- दैतारी नायक, अब्दुल गफूर खत्री, मदुरै चिन्ना पिल्लई, Tao Porchon-Lynch, जमुना टुडू( ‘LadyTarzan’), मुक्ताबेन पंकजकुमार दगली, चक्षु महिला सेवाकुन्ज, राजकुमारी देवी(किसानचाची). इस वर्ष जो Padma Awards दिए गए उसमें 12 किसानों को पद्म पुरस्कार मिले हैं. आमतौर पर कृषि जगत से जुड़े हुए कम लोग और प्रत्यक्ष किसानी करने वाले बहुत ही कम लोग पद्म श्री की सूची में आये हैं. ये अपने आप में, ये बदलते हुए हिन्दुस्तान की जीती-जागती तस्वीर है.

‘आयुष्मान भारत’ का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज आप सब के साथ एक ऐसे दिल को छूने वाले अनुभव के बारे में बात करना चाहता हूं. आजकल देश में जहां भी जा रहा हूं, मेरा प्रयास रहता है कि ‘आयुष्मान भारत’ की योजना #PMJAY यानि PM जन आरोग्य योजना के कुछ लाभार्थियों से मिलूं. पिछले 5 महीनों में लगभग 12 लाख ग़रीब परिवार इस योजना का लाभ उठा चुके हैं. आप यदि किसी भी ऐसे ग़रीब व्यक्ति को जानते है जो पैसों के अभाव में इलाज नहीं करा पा रहा हो, तो उसे PMJAY योजना के बारे में अवश्य बताइये. यह योजना हर ऐसे ग़रीब व्यक्ति के लिए ही है.

बोर्ड के इम्तिहान का जिक्र

उन्होंने कहा कि स्कूलों में परीक्षा का समय शुरू होने ही वाला है. देशभर में अलग-अलग शिक्षा बोर्ड कुछ हफ़्तों में 10वीं, 12वीं कक्षा बोर्ड के इम्तिहान के लिए प्रक्रिया प्रारंभ करेंगे. परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों, अभिभावकों और सभी टीचर्स को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं.कुछ दिन पहले Pariksha Pe Charcha का आयोजन हुआ. मुझे तकनीक के माध्यम से, देश-विदेश के स्टूडेंट्स साथ, अभिभावकों, टीचर्स के साथ, बात करने का अवसर मिला. Pariksha Pe Charcha इसकी एक विशेषता यह रही कि परीक्षा से जुड़ें कई विषयों पर बातचीत हुई. सभी विद्यार्थी, उनके शिक्षक, माता-पिता, YouTube पर इस Pariksha Pe Charcha कार्यक्रम की रिकोर्डिंग देख सकते हैं. आने वाली परीक्षा के लिए मेरे सभी Exam Warriors को ढ़ेरो शुभकामनाएं.

दिव्यांग की तारीफ

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की बात हो और त्यौहार की बात न हो. ऐसा हो ही नहीं सकता. कुछ दिन बाद महाशिवरात्रि का पर्व आने वाला है और इस बार तो शिवरात्रि सोमवार को है. इस शिवरात्रि के पावन पर्व पर मेरी आप सब को बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं. कुछ दिन पहले मैं काशी गया था.वहां मुझे दिव्यांग भाई-बहनों के साथ समय बिताने का मौका मिला. उनसे कई विषयों पर चर्चा हुई और उनका आत्मविश्वास वाकई प्रभावित करने वाला था- प्रेरक था. उनमें से एक प्रज्ञाचक्षु नौजवान से जब मैं बात कर रहा था तो उसने कहा मैं तो stage artist हूं. मैं मनोरंजन के कार्यक्रमों में mimicry करता हूँ, तो मैंने उनसे कहा ज़रा कर के दिखाइये और मेरे लिए बड़ा सुखद आश्चर्य था.

अनोखा अनुभव

मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से आप सब से जुड़ना मेरे लिए एक अनोखा अनुभव रहा है. रेडियो के माध्यम से मैं एक तरह से करोड़ों परिवारों से हर महीने रूबरू होता हूं. कई बार तो आप सब से बात करते, आपकी चिठ्ठियां पढ़ते या आपके फोन पर भेजे गए विचार सुनते मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि आपने मुझे अपने परिवार का ही हिस्सा मान लिया है. यह मेरे लिए एक बहुत ही सुखद अनुभूति रही है.

चुनाव का जिक्र

चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव होता है. अगले दो महीने, हम सभी चुनाव की गहमा-गहमी में व्यस्त होगें. मैं स्वयं भी इस चुनाव में एक प्रत्याशी रहूंगा. स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा का सम्मान करते हुए अगली मन की बात मई महीने के आखरी रविवार को होगी. मैं Loksabha Election 2019 के बाद एक नए विश्वास के साथ आपके आशीर्वाद की ताकत के साथ फिर एक बार मन की बात के माध्यम से हमारी बातचीत के सिलसिले का आरम्भ करूंगा और सालों तक आपसे मन की बात करता रहूंगा. फिर एक बार आप सबका हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं.

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