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जमालपुर स्टेशन पर ही एके-47 देकर ट्रेन से भागलपुर चला जाता था आर्मोरर पुरुषोत्तम

विजय सिंह, पटना : जबलपुर सीओडी के आर्मोरर पुरुषोत्तम लाल रजक काफी शातिर था. एके-47 की खेप बिहार में पहुंचाने के दौरान वह काफी सर्तकता और होशियारी बरता था. पुरुषोत्तम जबलपुर से भागलपुर ट्रेन के लिए टिकट बुक कराता था लेकिन जबलपुर स्टेशन पर मिटेल डिटेक्टर होने के कारण कटनी स्टेशन से बोर्डिंग लेता था. […]

विजय सिंह, पटना : जबलपुर सीओडी के आर्मोरर पुरुषोत्तम लाल रजक काफी शातिर था. एके-47 की खेप बिहार में पहुंचाने के दौरान वह काफी सर्तकता और होशियारी बरता था. पुरुषोत्तम जबलपुर से भागलपुर ट्रेन के लिए टिकट बुक कराता था लेकिन जबलपुर स्टेशन पर मिटेल डिटेक्टर होने के कारण कटनी स्टेशन से बोर्डिंग लेता था.
वह अपनी पत्नी चंद्रवती के साथ कटनी से ट्रेन में चढ़ता था. खास बात यह है कि वह भागलपुर में ट्रेन से जरूर उतरता था, लेकिन एके-47 की सप्लाई उससे पहले ही कर देता था. जी हां, पटना पुलिस के हत्थे चढ़ा मंजर आलम उर्फ मंजी के भांजे शमशेर और नियाजुल पुरूषोत्तम से जमालपुर स्टेशन पर ही हथियार की सप्लाई ले लेते थे. छोटा स्टेशन होने के कारण वहां चेकिंग की आधुनिक सुविधा नहीं थी, और इसका लाभ हथियार तस्कर उठाते थे.
मतलब यात्रा टिकट में मुंगेर का नाम नहीं देकर खुद सेफ रखता था, उधर जबलपुर की बजाय कटनी स्टेशन से ट्रेन पकड़कर जबलपुर की चेकिंग सुविधा को धता साबित कर देता था. पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद पुरुषोत्तम ने एक जानकारी दी थी. वह जबलपुर से जमालपुर का टिकट बुक करा कर पुलिस को कोई शक नहीं देना चाहता था, पकड़े जाने पर कोई जबलपुर सीओडी और मुंगेर का कनेक्शन नहीं जोड़ ले, इसके लिए वह यह सारा साजिश रचता था. लेकिन इमरान के पकड़े जाने और उसका नाम लेने के बाद पुरुषोत्तम की सारी साजिश फेल हो गयी और वह अब सलाखों के पीछे है.

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