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कोलकाता : पांच बड़े अग्निकांड जिसने झकझोर दिया महानगर को

कोलकाता : गरियाहाट मार्केट के भयावह अग्निकांड ने महानगर की कुछ बड़े अग्निकांड की स्मृति को ताजा कर दिया. एक नजर महानगर के बड़े अग्निकांड पर :- बागड़ी मार्केट अग्निकांड : कोलकाता : पांच बड़े अग्निकांड जिसने झकझोर दिया महानगर को सत्यनारायण पार्क अग्निकांड : 2003 के 22 अप्रैल को बड़ाबाजार के सत्यनारायण पार्क के […]

कोलकाता : गरियाहाट मार्केट के भयावह अग्निकांड ने महानगर की कुछ बड़े अग्निकांड की स्मृति को ताजा कर दिया.
एक नजर महानगर के बड़े अग्निकांड पर :-
बागड़ी मार्केट अग्निकांड :
कोलकाता : पांच बड़े अग्निकांड जिसने झकझोर दिया महानगर को
सत्यनारायण पार्क अग्निकांड :
2003 के 22 अप्रैल को बड़ाबाजार के सत्यनारायण पार्क के अंडरग्राउंड मार्केट में आग लगी थी. तड़के करीब पौने पांच बजे स्थानीय लोगों ने आग को देखा था. आग के काले धुंए से समूचा मार्केट ढंक गया.
गैस कटर से मार्केट का दरवाजा तोड़ा गया. दमकल के 23 इंजनों मौके पर पहुंचे. हालांकि अग्निकांड की इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. लेकिन यहां भी करोड़ों का नुकसान हो गया.
नंदराम मार्केट अग्निकांड:
2008 के 12 फरवरी को नंदराम मार्केट में भयावह आग लग गयी. रात करीब एक बजे नंदराम मार्केट के तिरपाल पट्टी में लगी आग को सबसे पहले स्थानीय लोगों ने देखा था. देखते ही देखते यह पूरे मार्केट में फैल गया.
ज्वलनशील पदार्थों की मौजूदगी ने आग को और भड़काया था. दमकल के 42 इंजनों ने लगातार पांच दिन काम करके आग पर काबू पाया. महानगर के इतिहास में इतने लंबे समय तक आग के लगे रहने की घटना नहीं देखी गयी थी.
स्टीफन कोर्ट अग्निकांड:
2010 के 23 मार्च को सोमवार दोपहर करीब ढाई बजे पार्क स्ट्रीट के स्टीफन कोर्ट में आग लग गयी. आग से बचने के लिए कई लोगों को इमारत से छलांग लगाते देखा गया. छत का दरवाजा बंद होने की वजह से कई लोग फंस गये थे. कुल मिलाकर इस अग्निकांड में 43 लोगों की मौत हुई थी.
आमरी अस्पताल अग्निकांड:
2100 के नौ दिसंबर को ढाकुरिया के आमरी अस्पताल में आग लग गयी थी. यहां भर्ती रोगियों में अफरातफरी मच गयी. सांस घुटने से 73 लोगों की यहां मौत हो गयी थी. इसके बाद अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे थे.
हाथीबागान बाजार अग्निकांड:
उत्तर कोलकाता के हाथीबागान बाजार में अग्निकांड की दो घटनाएं हुई थीं. पहली 2013 के 22 मार्च को हुई थी. तड़के करीब साढ़े तीन बजे आग लगी. दमकल के 10 इंजनों ने सात घंटे की कोशिश के बाद आग पर काबू पाया था. दो वर्ष बाद 2015 के 13 अगस्त को हाथीबागान बाजार में फिर से आग लगी.
रात करीब 10 बजे बाजार के सेंट्रल गेट के करीब कपड़े की एक दुकान के भीतर से काला धुंआ निकलने लगा. देखते ही देखते यह फैल गयी. इस अग्निकांड में भी करोड़ों का नुकसान हुआ था.

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