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कोलकाता : रेल दुर्घटनाएं यूं ही नहीं घटती, लापरवाही भी कारण

क्षमता से ज्यादा भरी हावड़ा-मुंबई मेल के कांपने की जानकारी गार्ड ने दी अमृतसर मेल की ओवरलोडेड एसएलआर बोगी को छुपाने के लिए मुंबई मेल में किया गया था अटैच मुंबई सीएसटी स्टेशन के अधिकारियों ने हावड़ा मंडल के अधिकारियों को घटना से कराया अवगत कोलकाता : 17 दिसंबर को हावड़ा स्टेशन पर पहुंची डाउन […]

  • क्षमता से ज्यादा भरी हावड़ा-मुंबई मेल के कांपने की जानकारी गार्ड ने दी
  • अमृतसर मेल की ओवरलोडेड एसएलआर बोगी को छुपाने के लिए मुंबई मेल में किया गया था अटैच
  • मुंबई सीएसटी स्टेशन के अधिकारियों ने हावड़ा मंडल के अधिकारियों को घटना से कराया अवगत
कोलकाता : 17 दिसंबर को हावड़ा स्टेशन पर पहुंची डाउन 13006 अमृतसर-हावड़ा मेल की एसएलआर बोगी में क्षमता से ज्यादा माल भरा हुआ था. ऐसे में कभी भी ट्रेन बेपटरी हो सकती थी और हजारों लोग काल के गाल में समा जाते. हावड़ा स्टेशन पहुंचने के बाद जब उक्त बोगी में माल की जांच होनेवाली थी तो गेट जाम होने की बात कह कर छुपा लिया गया. इतना ही नहीं उक्त एसएलआर बोगी को हावड़ा-मुंबई मेल में अटैच कर मुंबई स्टेशन के लिए रवाना कर दिया गया. इस बात का खुलासा तब हुआ जब हावड़ा-मुंबई मेल के गार्ड ने देखा कि रफ्तार में चल रही ट्रेन की बोगियां अत्यधिक कांप रही हैं.
गार्ड व चालक ने दुर्घटना की अंदेशा व्यक्त करते हुए मुंबई स्टेशन के अधिकारियों को घटना की जानकारी दी. मुंबई स्टेशन पर ओवरलोडेड बोगी एटैच किये जाने का खुलासा होने के बाद हावड़ा मंडल के अधिकारियों को जानकारी दी गयी. आनन-फानन में हावड़ा स्टेशन के कॉमर्शियल सुपरवाइजर-लगेज पार्सल सुदीप कुमार सेन को निलंबित कर दिया गया.
जानकारों की मानें तो एक एसएलआर बोगी की निर्धारित क्षमता चार टन होती है, लेकिन अमृतसर मेल की लीजहोल्डर कंपनी एसबी कार्गो ने ट्रेन के अमृतसर स्टेशन पर क्षमता से पांच टन ज्यादा माल यानी नौ टन माल एसएलआर बोगी में भर दिया था. अमृतसर मेल के हावड़ा स्टेशन पहुंचने पर रेलवे अधिकारियों ने क्षमता से ज्यादा माल से भरे अमृतसर मेल की एसएलआर बोगी (एसएलआर संख्या इआर 10726) को छुपाने का प्रयास किया.
अमृतसर मेल के हावड़ा स्टेशन पर पहुंचने के बाद पार्सल अधिकारियों ने क्षमता से ज्यादा भरे एसएलआर बोगी को यह कह कर खोलने से मना कर दिया कि बोगी का गेट जाम हो गया है. इसके बाद ट्रेन प्लेटफॉर्म से यार्ड में चली गयी, उसके बाद यार्ड मास्टर ने एसएलआर बोगी को पार्सल एरिया में भेज दिया. इसके बाद उस एसएलआर बोगी (एसएलआर संख्या इआर 10726) को हावड़ा-मुंबई मेल में अटैच कर मुंबई के लिए रवाना कर दिया गया.
ट्रेन रवाना तो हो गयी, लेकिन जब ट्रेन ने अपनी रफ्तार पकड़ी तो क्षमता से ज्यादा माल से भरी एसएलआर बोगी (एसएलआर संख्या इआर 10726) के साथ मुंबई मेल की अन्य बोगियां भी कांपने लगीं. गार्ड ने तुरंत इसकी जानकारी ट्रेन के चालक को दी, तबतक ट्रेन सीएसटी मुंबई स्टेशन पहुंचनेवाली थी. गार्ड ने मुंबई स्टेशन के अधिकारियों को पूरी घटना से अवगत कराया. अधिकारियों ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत ट्रेन की रफ्तार कम करने का निर्देश दिया. ट्रेन किसी तरह से मुंबई स्टेशन पहुंची.
एसएलआर बोगी में क्षमता से पांच टन ज्यादा माल बरामद
ट्रेन के स्टेशन पहुंचने के बाद अधिकारियों ने उक्त एसएलआर बोगी (एसएलआर संख्या इआर 10726) को खुलवाया. एसएलआर बोगी में क्षमता से पांच टन ज्यादा माल बरामद कर लिया. मुंबई रेलवे के अधिकारियों ने तुरंत हावड़ा मंडल के अधिकारियों से संपर्क करके पूरी घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी है. उधर घटना की जानकारी मिलते ही हावड़ा मंडल के अधिकारियों ने हावड़ा स्टेशन के कॉमर्शियल सुपर वाइजर-लगेज पार्सल सुदीप कुमार सेन को निलंबित कर दिया. जानकारों का कहना है कि यह एक बड़ी लापरवाही है.
इस लापरवाही के कारण हजारों यात्रियों की भी जान खतरे में थी. रेलवे सूत्रों का कहना है कि इस घटना में एक नहीं, बल्कि पूरा गैंग काम कर रहा है. इस तरह की घटनाएं हावड़ा पार्सल में अक्सर होती रहती है. अधिकारियों और लीज होल्डर्स के आपसी मिली भगत से एसएलआर बोगियों में क्षमता से ज्यादा माल लाया जाता है और पकड़ने जाने पर अधिकारियों द्वारा कहलवा दिया जाता है कि एसएलआर बोगी का गेट जाम है.

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