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कोलकाता : पहली महिला पंडित जो बिना कन्यादान के कराती हैं शादी
एक घंटे में ही शादी संपन्न करा देती हैं नंदिनी भौमिक नंदिनी पेशे से पंडित नहीं, प्रोफेसर व ड्राम आर्टिस्ट हैं कोलकाता : अपनी कड़ी मेहनत के दम पर महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि वह पुरुषों से किसी भी लिहाज से कम नहीं हैं. विभिन्न क्षेत्रों में उन्होंने सफलता के नये कीर्तिमान […]
एक घंटे में ही शादी संपन्न करा देती हैं नंदिनी भौमिक
नंदिनी पेशे से पंडित नहीं, प्रोफेसर व ड्राम आर्टिस्ट हैं
कोलकाता : अपनी कड़ी मेहनत के दम पर महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि वह पुरुषों से किसी भी लिहाज से कम नहीं हैं. विभिन्न क्षेत्रों में उन्होंने सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं.
अपने हौसले और हिम्मत की बदौलत महिलाएं आज हर वह काम कर सकती हैं जिस पर कभी पुरुषों का एकाधिकार समझा जाता था. ऐसी स्थिति में भला पूजा कराने में महिलाएं कैसे पीछे रह सकती हैं. मौजूदा भारतीय समाज में पूजा के सारे अनुष्ठान के कार्य पुरुष पुजारी करते हैं लेकिन इस क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाने वाली एक महिला हैं जिन्होंने पुरुषों के वर्चस्व को चुनौती दी है. उस महिला क नाम है- नंदिनी भौमिक.
वह पंडित की तरह हर कार्य संपन्न करा रही हैं. बंगाल की नंदिनी भौमिक शादी भी कराती हैं, लेकिन उनका तरीका अलग है. वह संस्कृत के कठिन श्लोकों को बांग्ला और अंग्रेजी में पढ़ती हैं, ताकि दुल्हन और दूल्हा उसका अर्थ समझ सकें. उनके द्वारा करायी जाने वाली शादी में बैकग्राउंड में रवींद्र संगीत बजता रहता है. इसके अलावा वह कन्यादान और पिरी घोरानो जैसी रस्मों के बगैर ही शादी संपन्न कराती हैं.
नंदिनी पेशे से पंडित नहीं बल्कि प्रोफेसर और ड्रामा आर्टिस्ट हैं. पंडितों के कार्य करने वाली वह बंगाल की पहली महिला हैं. उनका कहना है कि वह इस सोच से इत्तफाक नहीं रखती जहां बेटी को धन समझा जाता है और शादी के वक्त उसे दान कर दिया जाता है. स्त्रियां भी पुरुषों की तरह इंसान हैं, इसलिए उन्हें वस्तु की तरह नहीं समझना चाहिए.
आमतौर पर शादी करने में सारी रात लग जाती है लेकिन नंदिनी एक घंटे में ही शादी संपन्न करा देती हैं. उनका कहना है कि वह कन्यादान नहीं करातीं, जिससे काफी समय बच जाता है. इसके अलावा उन्हें यह परंपरा काफी पिछड़े सोच की भी लगती है. इस काम को करते हुए नंदिनी को कई तरह का डर भी सताता रहता है. लेकिन वह कहती हैं कि वह बाकी पुजारियों का सम्मान करती हैं और उनकी उनसे कोई लड़ाई नहीं है.
नंदिनी पिछले 10 सालों से शादियां करा रही हैं. अब तक वह 40 से भी ज्यादा शादियां करा चुकी हैं. उन्होंने कोलकाता और उसके आसपास के कई इलाकों में अंतरजातीय, अंतरधार्मिक विवाह संपन्न कराएं हैं. नंदिनी ने अपनी दो बेटियों की शादी भी इसी तरह करायी. वह अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा अनाथालयों में दान करके बच्चों की मदद भी करती हैं.
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