मालदा /कोलकाता : क्या भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की सेहत अभी भी खराब है ? ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अमित शाह अपनी खराब सेहत के कारण मंगलवार की शाम को मालदा से राजधानी दिल्ली लौट गये और पश्चिम बंगाल के झारग्राम में बुधवार को निर्धारित रैली में उनके शामिल होने की संभावना नहीं है. भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि अमित शाह बहुत बीमार हैं. उन्हें तेज बुखार है, लेकिन फिर भी उन्होंने यहां मंगलवार को रैली में हिस्सा लिया. स्वाइन फ्लू की चपेट में आने के बाद अस्पताल में उनका इलाज हुआ था और कुछ दिन पहले ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी. बुखार से तपते शरीर के साथ ही अमित शाह ने मंगलवार को ममता सरकार पर जोरदार हमला किया.
तरह-तरह की बाधाओं को पार पाते हुए आखिरकार मालदा में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की जनसभा हुई. मंगलवार दोपहर ओल्ड मालदा ब्लॉक की साहापुर ग्राम पंचायत के नित्यानंदपुर इलाके में बाइपास के किनारे आयोजित जनसभा में अमित शाह ने दावा किया कि इस बार भाजपा लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में कम से कम 23 सीटें जीतेगी. शाह ने एक तरफ जहां ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पर ताबड़तोड़ हमले किये. वहीं, रथयात्रा से लेकर रोहिंग्या, नागरिकता संशोधन बिल, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, गो तस्करी जैसे तमाम मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरा.
उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा में प्रतिमाओं के विसर्जन की इजाजत बंगाल में नहीं मिल रही है, तो क्या पाकिस्तान जाकर पूजा-विसर्जन करेंगे? शाह ने कहा कि नागरिकता बिल पारित होने पर सभी बंगाली शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी. तृणमूल सरकार ने शरणार्थियों के लिए कुछ नहीं किया, पर हम उन्हें नागरिकता देंगे. शरणार्थी ममता बनर्जी से जवाब चाहते हैं कि वह बिल का समर्थन करेगी या नहीं. उल्लेखनीय है कि इससे पहले भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व राज्य में कम से कम 22 सीटें जीतने की बात कहता रहा है. सभा को अमित शाह के अलावा भाजपा के केंद्रीय नेता कैलाश विजयवर्गीय, राज्य अध्यक्ष दिलीप घोष, मुकुल राय, राहुल सिन्हा, शमीक भट्टाचार्य, राजू बनर्जी और जिलाध्यक्ष संजीत मिश्र ने भी संबोधित किया. बंगाल में ‘गणतंत्र बचाओ यात्रा’ निकाल पाने में अभी तक सफल नहीं हो पायी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि वह इसकी शुरुआत इसी जनसभा से कर रहे हैं.
उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि इस सरकार के शासन में कदम-कदम पर लोकतंत्र की हत्या हो रही है. हालात इतने खराब हैं कि इस सभा के लिए उनके हेलीकॉप्टर की लैंडिंग में रुकावटें डाली गयीं. राज्य में आतंक की स्थिति बताते हुए उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव देश भर में हुए, लेकिन बंगाल में 65 से अधिक भाजपा व अन्य दलों के कार्यकर्ताओं की हत्या हुई. 1300 से अधिक घायल हुए. ऐसा और कहीं नहीं हुआ. लेकिन लोकसभा का चुनाव बंगाल सरकार नहीं, बल्कि केंद्रीय चुनाव आयोग और केंद्रीय बलों की देखरेख में होगा. हर बूथ पर केंद्रीय अर्धसैनिक बल होगा. किसी को डरने की जरूरत नहीं है. जनता ही तृणमूल को लायी है और अब वही उसे हटायेगी. लोग कहने लगे हैं कि इस सरकार से तो पहले की वाम फ्रंट सरकार ही बेहतर थी.
हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि अगर मां दुर्गा और सरस्वती की प्रतिमाओं का विसर्जन यहां नहीं होगा, तो क्या पाकिस्तान में होगा. श्री शाह ने आरोप लगाया कि एनआरसी पर तृणमूल जनता को गुमराह कर रही है. नागरिकता कानून संशोधन विधेयक के जरिये सभी हिंदू, सिख, ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता दी जायेगी. भाजपा राज्य में गौ-तस्करी रोकेगी. शाह ने कहा, ‘अब समय आ गया है कि हमें नेताजी सुभाषचंद्र बोस, रवींद्रनाथ ठाकुर, बंकिमचंद्र, श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बंगाल को लौटाना होगा. कांग्रेस ने नेताजी को भुलाने की भरसक कोशिश की है, उस इतिहास को वापस लाना है. जो बंगाल पहले सबसे आगे था, वह आज सबसे पीछे है.’ उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने पांच साल में राज्य को एक लाख 32 हजार करोड़ रुपये दिये थे, जबकि मोदी सरकार ने तीन लाख 95 हजार 400 करोड़ रुपये दिये हैं. इसके बावजूद ममताजी कहती हैं कि उन्हें केंद्र से सहयोग नहीं मिल रहा.