सरकार ने जनहित के मामलों पर मौन धारण कर रखा है
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गोमिया व सिल्ली उपचुनाव लड़ेगी आजसू
सरकार ने जनहित के मामलों पर मौन धारण कर रखा है आजसू सरकार में भागीदार रहते हुए भी जन समस्याओं पर सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों से अधिक मुखर रही है बोकारो : गोमिया और सिल्ली विधानसभा का उपचुनाव आजसू लड़ेगी. पार्टी लंबे अरसे से दोनों विस सीट पर काम कर रही है. यह उपचुनाव […]
आजसू सरकार में भागीदार रहते हुए भी जन समस्याओं पर सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों से अधिक मुखर रही है
बोकारो : गोमिया और सिल्ली विधानसभा का उपचुनाव आजसू लड़ेगी. पार्टी लंबे अरसे से दोनों विस सीट पर काम कर रही है. यह उपचुनाव 1932 के खतियान, अंतिम सर्वे सेटलमेंट के आधार पर स्थानीय नीति और बहाली में स्थानीय युवकों को शत-प्रतिशत अवसर देने के आधार पर लड़ा जायेगा. यह बातें आजसू के केंद्रीय उपाध्यक्ष उमाकांत रजक ने शुक्रवार को सेक्टर नौ स्थित आवासीय कार्यालय में प्रेस वार्ता में कही.
श्री रजक ने कहा कि आजसू पार्टी ने विगत तीन वर्षों से झारखंड विरोधी स्थानीय नीति, बहाली, सीएनटी एसपीटी एक्ट में संशोधन, मोमेंटम झारखंड के नाम पर खनिज पदार्थों की लूट रोकने व राज्य में बिगड़े सामाजिक सौहार्द को दुरुस्त करने के लिए सार्वजनिक रूप से सरकार को अवगत कराया है. लेकिन जनहित के मामलों पर सरकार ने मौन धारण कर रखा है. कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. आजसू पार्टी जनहित के मामलों पर सिल्ली और गोमिया विधानसभा के उपचुनाव में लोगों का जनमत चाहती है.
चुनाव में जीत हासिल कर पार्टी बड़े संघर्ष की ओर कदम बढ़ाना चाहती है. आजसू सरकार में भागीदार रहते हुए भी जन समस्याओं पर सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों से अधिक मुखर रही है.
भाजपा चाहे तो चुनाव लड़ सकती है : एक सवाल पर श्री रजक ने कहा कि गोमिया विधानसभा से आजसू चुनाव लड़ेगी. चाहे तो भाजपा भी चुनाव लड़ ले. जहां तक गठबंधन की बात है, तो स्थायी सरकार के लिए आजसू ने भाजपा का समर्थन किया था. लेकिन, रघुवर सरकार की सभी नीतियां झारखंड विरोधी हैं. अगर दोनों सीट में जीत मिली तो पार्टी 2019 को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है. 2019 में गठबंधन को लेकर फैसला बाद में होगा.
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