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छूटी शराब से यारी… तो हो गये चिलम के शौकीन
मिहिर, भागलपुर : कानून की पाबंदी झेल रही शराब छिपते-छिपाते जरा महंगी क्या हुई, इसके शौकीनों ने चिलम का दामन थाम लिया. हालात कुछ इस कदर बदले कि शहर के सदर अस्पताल स्थित नशामुक्ति केंद्र में शराब के शागिर्दों की जगह अब चिलमबाजों ने ले ली है. रोजाना यहां आने वाले चिलमबाजों की जब चहलकदमी […]
मिहिर, भागलपुर : कानून की पाबंदी झेल रही शराब छिपते-छिपाते जरा महंगी क्या हुई, इसके शौकीनों ने चिलम का दामन थाम लिया. हालात कुछ इस कदर बदले कि शहर के सदर अस्पताल स्थित नशामुक्ति केंद्र में शराब के शागिर्दों की जगह अब चिलमबाजों ने ले ली है. रोजाना यहां आने वाले चिलमबाजों की जब चहलकदमी बढ़ी, तो सरकार को भी पिछले दिनों यहां तैनात चिकित्सकों व कर्मियों को इसके लिए अलग से ट्रेनिंग के लिए भेजना पड़ा.
ताकि हर फिक्र को धुएं में उड़ाने के आदी हो चुके लोगों को इसकी आगोश से दूर किया जा सके. अब यहां के नशा मुक्ति केंद्र में बीस से ज्यादा ऐसे मरीजों को इलाज हो चुका है, जो इसके आदी बन चुके थे.
बढ़ने लगे चिलमबाज
करीब बीस लाख की लागत से बने नशा मुक्ति केंद्र में अब शराबी नहीं आ रहे हैं. अचानक इनकी संख्या घटने से यहां सूनापन है. इस बीच केंद्र में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गयी है जो गांजा, नशीली टिकिया और कोरेक्स का सेवन करते हैं. लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए सरकार ने चिकित्सकों को प्रशिक्षण पिछले दिनों दिया. इसमें नशा मुक्ति केंद्र के प्रभारी डॉ एके मंडल ने भी भाग लिया. शराब के अलावा गांजा के चिलम के शौकीन समेत अन्य नशा से पीड़ित मरीजों को यहां इलाज किया जा रहा है. इनके लिए अलग से दवा की भी व्यवस्था की गयी है.
आंकड़ा कहता हैं केंद्र के इनडोर में अब तक 246 मरीज इलाज के लिए आयेयहां इलाज के लिए पहुंचने वालों में हैं ज्यादातर गांजे के आदी, कुछ ही अरसे के दौरान सदर में बीस मरीजों का हो चुका है इलाज
धीरे-धीरे घट रहे हैं मरीज
सदर अस्पताल में बने नशा मुक्ति केंद्र में शराब बंदी के बाद शराबियों की संख्या घटने लगी. आंकड़ा कहता हैं केंद्र के इनडोर में अब तक 246 मरीज इलाज के लिए आये. 72 को भर्ती किया गया था. अब तक 230 मरीजों को दवा देकर वापस भेजा जा चुका है. जबकि 18 को मायागंज अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में रेफर किया गया है. जबकि मायागंज अस्पताल के ओपीडी में कुल 200 मरीज इलाज के लिए आये थे. 53 का इलाज किया गया गया. जबकि 137 को अस्पताल में भर्ती किया गया. दोनों केंद्रों में मरीज का इलाज करने के बाद वापस भेज दिया गया.
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