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चीन की ताक़त में हॉन्गकॉन्ग का कितना योगदान

<figure> <img alt="हॉन्गकॉन्ग" src="https://c.files.bbci.co.uk/1166D/production/_108377217_877b7854-73a1-4991-aa49-11fb957f3823.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>हॉन्गकॉन्ग में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों को अगर चीन ज़बरन दबाना चाहे तो क्या होगा?</p><p>अगर ऐसा होता है तो इसके परिणाम अप्रत्याशित होंगे, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि चीन को इसकी बहुत बड़ी क़ीमत चुकानी होगी.</p><p>हॉन्गकॉन्ग एशिया के सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय केंद्रों में से एक है. […]

<figure> <img alt="हॉन्गकॉन्ग" src="https://c.files.bbci.co.uk/1166D/production/_108377217_877b7854-73a1-4991-aa49-11fb957f3823.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>हॉन्गकॉन्ग में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों को अगर चीन ज़बरन दबाना चाहे तो क्या होगा?</p><p>अगर ऐसा होता है तो इसके परिणाम अप्रत्याशित होंगे, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि चीन को इसकी बहुत बड़ी क़ीमत चुकानी होगी.</p><p>हॉन्गकॉन्ग एशिया के सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय केंद्रों में से एक है. विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के रूप में चीनी अर्थव्यवस्था को इससे बहुत फ़ायदा मिला है.</p><p>हॉन्गकॉन्ग में 11 हफ़्तों से लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसका असर उसकी अर्थव्यवस्था पर महसूस किया जा रहा है.</p><p>सबसे ज़्यादा असर हॉन्गकॉन्ग के पर्यटन और रिटेल बिज़नेस पर पड़ा है. अर्थव्यवस्था में इन दोनों क्षेत्रों का योगदान क़रीब 20 फ़ीसदी है.</p><p>लेकिन सवाल यह उठता है कि हॉन्गकॉन्ग चीन की अर्थव्यवस्था के लिए कितना ज़रूरी है? </p><p>क्या बीजिंग पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए चीन हॉन्कॉन्ग से मिलने वाले आर्थिक फ़ायदे को त्याग सकता है?</p> <ul> <li>यह भी पढ़ें | <a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48593881?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">चीन के ख़िलाफ़ सड़क पर क्यों हैं हॉन्गकॉन्ग के लाखों लोग </a></li> </ul><figure> <img alt="हॉन्गकॉन्ग में प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/13D7D/production/_108377218_c83f488d-1aad-4f12-87d8-086d194c1e6f.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p><strong>अर्थव्यवस्था की रीढ़</strong><strong>!</strong></p><p>वाणिज्यिक और वित्तीय, दोनों ही तरह से हॉन्गकॉन्ग चीनी अर्यव्यवस्थ की रीढ़ रहा है.</p><p>आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2017-18 में चीन में क़रीब 1.25 खरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया गया था, जिसमें से 99 अरब डॉलर हॉन्गकॉन्ग की ओर से आए थे.</p><p>यह कुल निवेश का करीब 80 फ़ीसदी हिस्सा था.</p><p>ऐसा इसलिए है क्योंकि हॉन्गकॉन्ग उन कंपनियों के लिए सुरक्षित ठिकाना है, जो चीन में सीधे तौर पर निवेश नहीं करना चाहती हैं. चीन का क़ानून और स्वतंत्र न्यायिक प्रणाली कंपनियों को सुरक्षित माहौल मुहैया कराती है.</p><p>चीन के विदेशी मुद्रा भंडार को भरा रखने में भी हॉन्गकॉन्ग का महत्वपूर्ण योगदान है. जुलाई के महीने में यहां की विदेशी मुद्रा के ख़ज़ाने में 4.48 खरब डॉलर मौजूद थे. </p><p>इस महीने विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में यह दुनिया का सांतवा बड़ा ख़ज़ाना बना था. </p><p>चीन के पास दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है, जिसमें 3.1 बिलियन अमरीकी डॉलर मौजूद हैं.</p> <ul> <li>यह भी पढ़ें | <a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49339157?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">हॉन्गकॉन्ग: लगातार दूसरे दिन एयरपोर्ट पर कामकाज ठप</a></li> </ul><figure> <img alt="हॉन्गकॉन्ग में प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/1648D/production/_108377219_0c89cdc2-c7fc-4e80-aef3-d65e775b7a9e.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>तरक्की की राह</h1><p>हालांकि दो दशक पहले तक चीन को हॉन्गकॉन्ग की इतनी ज़रूरत नहीं थी.</p><p>साल 1997 में जब ब्रिटेन ने हॉन्गकॉन्ग को चीन के हवाले किया गया था तब बीजिंग ने ‘एक देश-दो व्यवस्था’ की अवधारणा के तहत कम से कम 2047 तक लोगों की स्वतंत्रता और अपनी क़ानूनी व्यवस्था को बनाए रखने की गारंटी दी थी.</p><p>अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों के मुताबिक उस वक़्त चीनी अर्थव्यवस्था में हॉन्गकॉन्ग का योगदान महज 18 फ़ीसदी का था.</p><p>इसके बाद हॉन्गकॉन्ग ने आर्थिक क्षेत्र में तेज़ी से तरक्की की और देश के अन्य शहरों के लिए खुद को सफलता की मिसाल के तौर पर पेश किया.</p><p>हॉन्गकॉन्ग का क़द दिनों-दिन बढ़ता चला गया. पिछले साल हॉन्गकॉन्ग की अर्थव्यवस्था चीनी जीडीपी के 2.7 प्रतिशत के बराबर थी.</p> <ul> <li>यह भी पढ़ें | <a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48841018?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">हॉन्गकॉन्ग में प्रदर्शन पर चीन आग बबूला</a></li> </ul><figure> <img alt="हॉन्गकॉन्ग में प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/08E5/production/_108377220_11c03583-e3e9-4039-8f85-4e74ab5adfe2.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p><strong>अमरीका </strong><strong>की चेतावनी</strong></p><p>बीबीसी के चीनी सेवा के संपादक के मुताबिक अगर चीन हॉन्गकॉन्ग में हस्तक्षेप करने का फ़ैसला करता है तो उसको इसकी बड़ी क़ीमत चुकानी होगी.</p><p>झांग कहते हैं कि विदेशी निवेश सीधे तौर पर प्रभावित होंगे. कंपनियां चीनी सरकार के दबाव में काम नहीं करना चाहेगी और वे अपना रुख किसी और देश की ओर कर सकते हैं.</p><p>राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर चीन विरोध-प्रदर्शनों को दबाने के लिए हिंसक गतिविधियों का इस्तेमाल करता है तो इसका असर व्यापारिक रिश्ते पर पड़ेगा.</p><p>अमरीका और चीन के बीच ट्रेड वॉर चल रहा है, जिसका असर चीनी अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल रहा है. </p><p>अमरीका-चीन के बीच चल रहे इस ट्रेड वॉर की वजह से चीन की विकास दर में गिरावट आ रही है. आयात शुल्क की दरें ज़्यादा होने से चीन के निर्यात में भी गिरावट आई है.</p><p>इस ट्रेड वॉर की वजह से दुनिया भर में मंदी का ख़तरा मंडराने लगा है. कंपनियां चीन से दूरी बनाने लगी हैं. जो कंपनियां वहां मौजूद हैं, वो दूसरे देशों की ओर रुख करने लगी हैं या फिर अपना कुछ ऑपरेशन दूसरे देश लेकर जा रही हैं.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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