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अपरिचितों का संदेश

क्षमा शर्मा वरिष्ठ पत्रकार एक क्लीनिक में बैठी हुई थी कि गलती का एहसास हुआ. मोबाइल ऑफ नहीं था. बाहर आकर बात की. एक लड़की की आवाज सुनायी दी कि मैं एक स्टूडेंट हूं. एक बच्चे के दिल का आॅपरेशन होना है, आपकी मदद चाहिए. मैंने पूछा- आपको यह नंबर कहां से मिला? यह क्या […]

क्षमा शर्मा

वरिष्ठ पत्रकार

एक क्लीनिक में बैठी हुई थी कि गलती का एहसास हुआ. मोबाइल ऑफ नहीं था. बाहर आकर बात की. एक लड़की की आवाज सुनायी दी कि मैं एक स्टूडेंट हूं. एक बच्चे के दिल का आॅपरेशन होना है, आपकी मदद चाहिए. मैंने पूछा- आपको यह नंबर कहां से मिला? यह क्या फ्रॉड है, क्योंकि हर दूसरे दिन ऐसे फोन आते हैं‍? इतना कहना था कि बिना कुछ बताये फोन कट गया.

आजकल किसी की बीमारी, किसी की पढ़ाई, बाढ़ पीड़ितों से लेकर किसानों की मदद के लिए आये दिन इस तरह के फोन आते रहते हैं. यह पूछने पर कि नंबर कहां से मिला, कोई नहीं बताता.

अक्सर फोन करनेवाली लड़कियां होती हैं. वे अपनी आवाज को अतिरिक्त मीठी और भावुकतापूर्ण बनाकर आपकी इंसानियत को जगाकर ठगना चाहती हैं. इस तरह की धोखाधड़ी से होता यह है कि अगर वास्तव में कोई परेशान हो, बीमार हो, उसे आपकी मदद की जरूरत हो, तो भी आप उस पर शक करें. इस तरह की सार्वजनिक धोखाधड़ी आदमी को अक्सर कठोर और नृशंस बनाती है.

और सिर्फ फोन ही क्यों अनजान जगहों से आये मेल और मैसेज भी तो ऐसा ही करते हैं. इनमें आपके हितू होने और फायदा कराने की बातें लिखी होती हैं, लेकिन छिपा हुआ सच सिर्फ अपना फायदा कराना ही होता है. कोई आधे दामों में आपके यहां पुताई और पेंट के काम, प्लंबर, बिजली, घर की रिपेयर, आदि का भरोसा देता है, तो कोई पचास प्रतिशत छूट पर तरह-तरह की चीजें जैसे टीवी, माइक्रोवेव, फ्रिज, कार, कपड़े, मोबाइल, दवाएं यहां तक कि घर देने का वायदा करता है.

होटल, बैंक, विदेशी यात्राएं, टूर एंड ट्रेवल आदि न जाने कितनी चीजें या तो खरीद लो या बेच दो, अथवा किसी गरीब का इलाज करा दो, किसी गरीब को पढ़ा दो, बीमा ले लो, मेडिक्लेम करा लो, आदि की मांग आपके इनबाॅक्स में भरी रहती है. ये मेल और मैसेज इतने ज्यादा होते हैं कि दिन में कई-कई बार इनबाॅक्स को खाली करना पड़ता है.हमारी निजी सुविधाएं कैसे व्यापार के कब्जे में पहुंचती हैं, इन सूचनाओं से पता लगता है.

यह देखकर दुख होता है कि कई बड़े एनजीओ भी अब पैसे मांगने के जुगाड़ में ऐसे संदेश भेजते हैं. इनमें बहुत से झूठे होते हैं. अक्सर लोग अपनी अच्छी भावना और किसी जरूरतमंद की मदद करने के अच्छे विचार के चलते धोखेबाजों के चंगुल में फंस जाते हैं.इन अयाचित मेल-मैसेज से बहुत से लोग परेशान हैं. अक्सर शिकायतें सुनने को मिलती हैं.

अदालतों में मुकदमे भी किये जा चुके हैं. अदालतों ने कई बार उपभोक्ता की निजता की रक्षा करते हुए ऐसे संदेशों और आनेवाले फोन के खिलाफ फैसला भी सुनाया है, मगर बेचारे उपभोक्ता की परेशानी कम नहीं हुई है. कई बार तो ऐसा हुआ है कि किसी गंभीर रूप से बीमार या मृत व्यक्ति के लिए भी ऐसे संदेश और फोन आ जाते हैं. इनसे बचाव का क्या उपाय है, कोई नहीं बताता.

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