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अपहरण के तीसरे दिन भी पुलिस के पास नहीं है कोई सुराग

न कोई सुराग, न फिरौती का कॉल तेजपाल के परिजन परेशान, पुलिस अधिकारियों ने ली जानकारी आसनसोल : बराकर निवासी युवा उद्योगपति तेजपाल सिंह के अपहरण के तीसरे दिन शुक्रवार को भी पुलिस को कुछ खास उपलब्धि हासिल नहीं हुयी. अपराधियों का कोई सुराग पुलिस को नहीं मिला है. पुलिस अनेक मोबाइल फोन नंबरों के […]

न कोई सुराग, न फिरौती का कॉल

तेजपाल के परिजन परेशान, पुलिस अधिकारियों ने ली जानकारी

आसनसोल : बराकर निवासी युवा उद्योगपति तेजपाल सिंह के अपहरण के तीसरे दिन शुक्रवार को भी पुलिस को कुछ खास उपलब्धि हासिल नहीं हुयी. अपराधियों का कोई सुराग पुलिस को नहीं मिला है. पुलिस अनेक मोबाइल फोन नंबरों के कॉल डिटेल्स रिपोर्ट (सीडीआर) के आधार पर सुराग पाने का प्रयास कर रही है.

इधर इस मामले में पुलिस अधिकारियों की विशेष टीम गठित करने की पहल हो रही है. फिरौती के लिए कोई फोन भी अबतक परिजनों को नहीं आया है. बराकर स्थित आवास में जाकर पुलिस अधिकारियों ने परिजनों से पूछताछ की.

पुलिस आयुक्त लक्ष्मी नारायण मीणा ने कहा कि अपराधी जल्द पकड़े जायेंगे. पुलिस कांड को जल्द सुलझाने के लिए हर सम्भव प्रयास में जुटी है. सीमावर्ती राज्यों की पुलिस के साथ तालमेल बैठाकर कार्य किया जा रहा है. सनद रहे कि बराकर हनुमान चढ़ाई निवासी व उद्योगपति जोगिंदर सिंह के इकलौते पुत्र तेजपाल सिंह का अपहरण बुधवार को सालानपुर स्थित उनके कारखाने के मुख्य द्वार से कुछ ही दूरी पर हुआ. वे अपने फॉरच्यूनर कार से कारखाना जा रहे थे. अपराधियों ने उनके चालक के साथ उनका अपहरण कर उन्हें उनकी कार में ही लेकर भाग निकले.

कार झारखंड के निरसी थाना अंतर्गत कंचनडीह से बरामद हुई. फिरौती के लिए हो सकता है इंटरनेट कॉल अपराधी को पकड़ने में मोबाइल फोन पुलिस के लिए हमेशा काफी मददगार साबित होता है. क्योंकि मोबाइल फोन से किये गए कॉल के आधार पर उस व्यक्ति के टॉवर लोकेशन का पता चल जाता है. जिससे पुलिस को अपराधी को तलाशने में अहम सुराग मिल जाता है. शातिर अपराधी किसी भी कांड को अंजाम देने के दौरान मोबाइल फोन को खुद से दूर रख रहे हैं. अपहरण के मामले में फिरौती की मांग किसी न किसी तरह घर वालों तक अपराधी पहुंचा ही देते है. मोबाइल फोन से फोन करने पर वे आसानी से पुलिस की नजर में आ जायेंगे.

इसलिए अपराधी भी अब अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने में जुटे है. फिरौती के मामलों में वे अब इंटरनेट कॉल करते है. इसमें कोई फोन करने वाले का नंबर नहीं आता है. यदि नंबर नहीं आये तो काल का पता नहीं लग पाता है. प्रतिदिन निकाला जा रहा सीडीआर अपहृत श्री सिंह और उनके कार चालक रवि कुमार के पास कुल तीन मोबाइल फोन थे. तीनों नंबर पर बुधवार को 11:05 बजे के बाद से कोई कॉल नहीं आया. न ही कोई एसएमएस आया है.

पुलिस का मानना है कि कांड को अंजाम देने के बाद उनके फोन को बंद कर दिया गया है. पुलिस प्रतिदिन इन तीन नंबरों का सीडीआर निकाल रही है. यदि किसी कारण कुछ समय के लिए भी इनके फोन खुल गए तो कोई न कोई एसएमएस या फोन कॉल उनके नम्बर पर आते ही उस फोन का लोकेशन पता चल जायेगा. लेकिन अब तक उनका फोन नहीं खुला है और बुधवार को सभी फोन का अंतिम टॉवर लोकेशन कुल्टी ही है.

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