जहानाबाद-अरवल : जिला निर्वाचन विभाग ने बताया कि चुनाव प्रचार खत्म होते ही जिले को हाइअलर्ट घोषित किया गया है. यहां पर चुनाव के लिए अधिग्रहण किये गये वाहनों की व्यवस्था कर रखी है. जिला मुख्यालय के प्लस टू उमैराबाद उच्च विद्यालय से मतदान कर्मियों की टोलियां रवाना होगी. इसके लिए जिला निर्वाचन विभाग की ओर से माकूल व्यवस्था किया है. मतदान को लेकर जिला निर्वाचन विभाग व पुलिस प्रशासन सख्त कदम उठा रहे हैं.
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लोकसभा चुनाव : लोकतंत्र का महापर्व कल, प्रशासन अलर्ट, सीमाओं पर बढ़ी चौकसी
जहानाबाद-अरवल : जिला निर्वाचन विभाग ने बताया कि चुनाव प्रचार खत्म होते ही जिले को हाइअलर्ट घोषित किया गया है. यहां पर चुनाव के लिए अधिग्रहण किये गये वाहनों की व्यवस्था कर रखी है. जिला मुख्यालय के प्लस टू उमैराबाद उच्च विद्यालय से मतदान कर्मियों की टोलियां रवाना होगी. इसके लिए जिला निर्वाचन विभाग की […]
पुलिस प्रशासन की ओर से शहर में जगह -जगह बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की जांच की जा रही है, ताकि चुनाव में अवैध, नकदी, अवैध हथियार, शराब की सप्लाइ नहीं हो सके. वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी ने आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी सख्त कदम उठा रखे हैं. शाम पांच बजे के बाद चुनाव प्रचार थमते ही प्रशासन ने हाइअलर्ट जारी कर दिया. जिले की सीमा पर कड़ी नजर रखी जायेगी. पुलिस और प्रशासन स्तर से प्रत्येक गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जायेगी.
शाम पांच बजे से प्रचार वाहनों के पहिये ठहर गये : प्रचार खत्म होते ही शाम पांच बजे से प्रचार वाहनों के पहिये ठहर गये. अब उड़न खटोला और चॉपर चुनाव सभा के लिए नहीं दिखाई देंगे. इसके बाद कोई भी प्रत्याशी जनसभा, रैली आदि नहीं कर सकेगा. प्रत्याशियों की प्रत्येक गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जायेगी. नामांकन के बाद सभी प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने क्षेत्र का तूफानी दौरा कर जनसंपर्क किया. प्रत्याशियों के समर्थन में कई बड़ी जनसभाएं भी हुई हैं.
महागठबंधन प्रत्याशी के लिए तेजस्वी यादव, उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी, मुकेश साहनी जैसे कई बड़े नामचीन नेताओं ने अरवल का दौरा किया तो वहीं एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी के लिए नीतीश कुमार ने चुनाव सभा और सुशील मोदी ने रोड शो किया. इसके अलावा आरसीपी सिंह, ललन सिह, डॉ प्रेम कुमार, नीरज कुमार, श्वेता विश्वास सहित कई नेता अपने गठबंधन के उम्मीदवार का प्रचार-प्रसार किया. दोनों गठबंधनों के द्वारा लगातार चुनाव सभा और रोड शो देखने को मिला. अब चूंकि चुनाव प्रचार बंद हो चुका है.
चुनाव प्रचार में कुछ प्रत्याशी अपने नाम पर वोट मांग रहे हैं तो कुछ पार्टी और नेताओं और अपने पुरखों के नाम पर. सभी प्रत्याशियों व उनके समर्थकों ने धुआंधार प्रचार किया. हर तरह से अपनी रणनीति भी बनायी. जोड़-तोड़ की राजनीति भी चली. जिन इलाकों में जो प्रत्याशी मजबूत स्थिति में हैं, वहां वह नहीं गये और उनके समर्थक गये, लेकिन जिन इलाकों में प्रत्याशियों को संशय दिखाई दिया, वहां वह खुद गये और अपनी स्थिति मजबूत करने में लगे रहे. चुनाव प्रचार थमते ही चुनाव प्रचार में लगे लोगों ने राहत की सांस ली है.
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