मुंबई : कंगना रनौत (Kangana Ranaut ) और बृह्नमुंबई महानगरपालिका (BMC) का मुद्दा अब बंबई हाई कोर्ट (Bombay High Court) में पहुंच गया है. हाई कोर्ट ने आज मामले की सुनवाई की. सुनवाई के दौरान संजय राउत (Sanjay Raut) की ओर से कंगना को हरामखोर और नॉटी करने का मुद्दा भी उठा. कोर्ट ने राउत की उस टिप्पणी पर हैरानी जतायी और इसका जवाब मांगा है. वहीं बीएमसी की ओर से कंगना के ऑफिस के हिस्से को गिराये जाने के मामले में कंगना के वकील ने अपनी दलील पेश की.
इस ऑनलाइन सुनवाई के दौरान कंगना के वकील बिरेन्द्र सराफ ने दलील दी कि इस केस में कंगना के साथ गलत हुआ है. इस दौरान कंगना रनौत की ओर से दिए गए टीवी इंटरव्यू का भी जिक्र किया गया. बीएमसी की ओर से पेश हुए वकील अस्पी चिनॉय ने कंगना के वकील से उनके टीवी न्यूज चैनल को दिए पूरे इंटरव्यू का वीडियो देने के लिए भी कहा है.
राउत के मामले में कंगना के वकील ने दावा किया कि उनके पास वह वीडियो भी है जिसमें राउत ने कंगना को हरामखोर कहा है. सराफ ने कोर्ट को बताया कि संजय राउत के मुताबिक इस शब्द (हरामखोर) का मतबल नॉटी होता है. जिस पर जस्टिस कथावाल ने हैरानी जताते हुए पूछा तो फिर नॉटी का क्या मतलब होता है?
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बता दें कि इस महीने की शुरुआत में कंगना रनौत की पाली हिल ऑफिस को ध्वस्त कर दिया गया था. बीएमसी का दावा है कि इसमें अवैध निर्माण हैं. हाई कोर्ट ने 9 सितंबर को बीएमसी की कार्रवाई को रोक दिया था, जिसे अभिनेत्री की जीत की तरह माना जा रहा था. इस कार्रवाई में अदालत ने देखा, “यह जब हो रहा था जब वह राज्य से बाहर थी, उसे 24 घंटे के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया और लिखित अनुरोध के बावजूद उसे आगे कोई समय नहीं दिया गया.”
सोमवार को कंगना रनौत के वकील ने अदालत से कहा, “कोई निर्माण नहीं चल रहा था. नोटिस जारी नहीं किया गया था. बीएमसी अधिनियम की धारा 354 ए के तहत अधिकारियों को पहले व्यक्ति को परमिट जारी करने का अवसर देने के लिए नोटिस जारी करना चाहिए था. बीएमसी और कंगना के मामले की सुनवाई जस्टिस एस कथावाला और जस्टिस रियाज चागला कर रहे थे.
Posted By: Amlesh Nandan.