श्रीहरिकोटा : भारत के भू-पर्यवेक्षण उपग्रह ईओएस-01 और नौ अन्य उपग्रहों के साथ पीएसएलवी-सी49 ने श्रीहरिकोटा से शनिवार को उड़ान भरी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद (इसरो) के मुताबिक, हर मौसम में पृथ्वी का अध्ययन करने में सक्षम भारत के नवीनतम उपग्रह ईओएस-01 को अंतरिक्ष में भेजने के लिए पीएसएलवी-सी49 वर्कहॉर्स रॉकेट का प्रयोग किया गया है.
#UPDATE Mission Director has authorised the launch of #PSLVC49 at 1512 hrs IST: Indian Space Research Organisation (ISRO) https://t.co/YI8lAmuIaj
— ANI (@ANI) November 7, 2020
पीएसएलवी की 51वीं उड़ान के दौरान रॉकेट से नौ और व्यावसायिक उपग्रह भी अंतरिक्ष में भेजे गये हैं. रॉकेट प्रक्षेपण शनिवार को दोपहर बाद तीन बज कर 12 मिनट पर आंध्र प्रदेश में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा के पहले लांच पैड से किया गया. मालूम हो कि रॉकेट के प्रक्षेपण के लिए उलटी गिनती 26 घंटे पहले शुक्रवार को अपराह्न 01:02 पर शुरू हुई थी.
भारत के नवीनतम उपग्रह ईओएस-01 यानी अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट का ही एडवांस्ड सीरीज है. यह सिंथेटिक अपर्चर रडार से लैस है, जिससे किसी भी समय और किसी भी मौसम में पृथ्वी पर स्पष्ट रूप से नजर रखी जा सकती है. उपग्रह की सबसे बड़ी खासियत है कि घने बादलों के बीच से भी पृथ्वी पर की स्पष्ट तस्वीरें खींची जा सकती हैं.
इससे भारतीय सीमा की रक्षा करने के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा के समय बड़ी मदद मिलेगी. इसके अलावा इस नये उपग्रह के जरिये दिन के अलावा रात में भी स्पष्ट तस्वीरें ली जा सकती हैं. साथ ही निगरानी करने के नागरिक गतिविधियों पर नजर रखने में भी यह उपग्रह मददगार साबित हो सकता है.
कोरोना संकट के दौर में इसरो का यह साल 2020 का पहला उपग्रह होगा, जो सात नवंबर को लॉन्च होगा. जानकारी के मुताबिक, भारत ने अपने उपग्रह के साथ-साथ नौ विदेशी उपग्रहों को भी भेजा है. इनमें लिथुआनिया का एक उपग्रह, लक्समबर्ग और अमेरिका के चार-चार उपग्रह शामिल हैं. इसके साथ ही भारत ने अब तक कुल 328 विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपण किया है.